पंजाब में कांग्रेस का वोट बैंक बढ़कर पहुंचा 40 प्रतिशत

punjabkesari.in Sunday, May 26, 2019 - 03:04 PM (IST)

जालंधर (धवन): देश में जबरदस्त मोदी लहर के चलते जहां लगभग 17-18 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में कांग्रेस अपना खाता भी खोलने में सफल नहीं हुई है तो दूसरी तरफ पंजाब में कांग्रेस ने न केवल मोदी लहर को रोका, बल्कि अपना वोट बैंक बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर लिया है। सभी राजनीतिक विशेषज्ञ इसका सीधा श्रेय पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की मजबूत राष्ट्रवादी छवि को दे रहे हैं। राज्य में कुल 13 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 8 पर जीत हासिल की है। 2014 के आम चुनावों की तुलना में कांग्रेस ने अपनी सीटें बढ़ाकर दुगुनी से ज्यादा कर ली हैं। 

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2017 में पंजाब विधानसभा चुनावों के समय कांग्रेस का वोट बैंक 38.50 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 40 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इस तरह कांग्रेस के वोट बैंक में इस बार 1.62 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। अगर 2014 के लोकसभा चुनावों के साथ कांग्रेस के वोट बैंक का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो उस समय कांग्रेस का वोट बैंक 33.10 प्रतिशत था। 2014 की तुलना में 2019 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट बैंक लगभग 7 प्रतिशत बढ़ा है।

कांग्रेस की तुलना में राज्य में अकाली दल का वोट बैंक 27.45 प्रतिशत रहा। भाजपा का वोट बैंक 9.63 प्रतिशत दर्ज किया गया। आम आदमी पार्टी के वोट बैंक में भारी गिरावट दर्ज की गई। जबकि बहुजन समाज पार्टी का वोट बैंक इन चुनावों में 3.49 प्रतिशत दर्ज हुआ। बसपा को 2014 में 1.9 तथा 2017 में 1.5 प्रतिशत वोटें मिली थीं। इस हिसाब से बसपा ने अपने वोट बैंक को बढ़ाया है। आम आदमी पार्टी को कुल पड़ी वोटों में से 7.38 प्रतिशत वोटें मिलीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 24.5 प्रतिशत तथा 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 23.72 प्रतिशत वोटें मिली थीं। 

कांग्रेस को चाहे शहरी क्षेत्रों में वोट बैंक में नुक्सान झेलना पड़ा परन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस के वोट बैंक में भारी सुधार देखा गया। पंजाब के जेल मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा ने कहा कि 2017 के राज्य विधानसभा चुनावों तथा 2019 के लोकसभा चुनावों में सिख समुदाय ने डट कर कांग्रेस का साथ दिया जिस कारण पार्टी के वोट बैंक में भारी बढ़ौतरी हुई। उन्होंने कहा कि वास्तव में 2015 में राज्य में पूर्व अकाली सरकार के कार्यकाल में धार्मिक ग्रंथों की हुई बेअदबी की घटनाओं को देखते हुए सिख मतदाता अकाली दल से नाराज हैं। कुल मिलाकर लोकसभा चुनावों ने राज्य में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को सबसे बड़े नेता के रूप में उभारा है तथा पंथक व राज्य के मसलों को लेकर कैप्टन के विचारों पर अपनी मोहर लगाई है। 

Mohit