जाखड़ के फिरोजपुर लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे की अटकलों से कांग्रेस चिंतित

punjabkesari.in Tuesday, Nov 06, 2018 - 10:54 PM (IST)

जालंधर(मोहन): पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष व गुरदासपुर से लोकसभा सदस्य सुनील जाखड़ के फिरोजपुर से लोकसभा चुनाव लडऩे की चर्चाओं ने कांग्रेस के आला नेताओं को चिंता में डाल दिया है। अकाली दल से विच्छेद हुए लोकसभा सदस्य शेर सिंह घुबाया की कांग्रेस में एंट्री की प्रक्रिया एक बार इसी कारण रुक गई है। अनौपचारिक बातचीत में खुद सांसद घुबाया ने इस बात की पुष्टि की कि जाखड़ का नाम फिरोजपुर से लोकसभा उम्मीदवार के रूप में चल रहा है। वहीं फिरोजपुर संसदीय सीट से एक मंत्री का नाम भी बतौर उम्मीदवार चर्चा में है। 

बागी घुबाया अकाली दल के फिरोजपुर से लोकसभा सदस्य हैं। अकाली दल एक तरह से उन्हें तिलांजलि दे चुका है। अकाली दल में होने के बावजूद विधानसभा चुनावों के बाद उन्हें न तो पार्टी ने कभी अपनी किसी बैठक में बुलाया और न ही उन्हें कभी पार्टी संसदीय दल की बैठक में आमंत्रित किया जाता है। घुबाया के बेटे को अकाली दल द्वारा फाजिल्का से विधानसभा टिकट देने से इंकार करने के बाद कांग्रेस ने उनके बेटे देवेंद्र सिंह घुबाया को टिकट दिया था और उसने यह सीट जीती भी परंतु उसके बाद घुबाया के लिए अकाली दल में जाने की राह बंद हो गई थी। 

पार्टी विरोधी कार्रवाइयों के आरोपों में शेर सिंह घुबाया को न तो अकाली दल ने निलंबित किया और न ही उन्होंने अकाली दल छोड़ा परंतु सुखबीर सिंह बादल के पार्टी प्रधान बनने के बाद पार्टी से बाहर धकेले जाने वाले वह पहले सांसद थे। कांग्रेस उन्हें फिरोजपुर से ही लोकसभा चुनाव लड़ाने की मंशा तैयार किए बैठी थी। घुबाया ने कहा कि वह फिरोजपुर  से लोकसभा चुनाव तो हर हाल में लड़ेंगे। अबोहर से जाकर गुरदासपुर में लोकसभा उपचुनाव लडऩे वाले जाखड़ ने 1 लाख 93 हजार मतों के अंतर से यह सीट जीती थी। सूत्र बताते हैं कि पंजाब में कैप्टन की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव अहम था। भाजपा सांसद विनोद खन्ना की अकाल मृत्यु के बाद खाली हुई इस सीट के लिए गुरदासपुर-पठानकोट के मंत्रियों, विधायकों के अलावा पंजाब कांग्रेस ने अपनी सारी ताकत यहां झोंक कर यह सीट जीती थी। 

कांग्रेस के ही लोग अब मानने लगे हैं कि गुरदासपुर-पठानकोट में कांग्रेस ने लोगों से जो बड़े-बड़े वायदे किए थे और अब पार्टी उनके करीब भी नहीं पहुंच सकी, जबकि अकाली दल के चंद बड़े नेताओं के खिलाफ  पवित्र ग्रंथों की बेअदबी के मामले में कार्रवाई के बड़े-बड़े वायदों को पूरा करने में कांग्रेस असफल रही है। गुरदासपुर क्षेत्र से मंत्री तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा और सुखजिंद्र सिंह रंधावा एक बार नहीं बल्कि कई बार अनौपचारिक रूप से यह बात दोहरा चुके हैं कि अगर बेअदबी मामले पर कांग्रेस ने ठोस कार्रवाई न की तो कांग्रेस के लिए लोकसभा सीटें जीतना असंभव होगा। फिरोजपुर से फिलहाल अकाली दल के अतिरिक्त आम आदमी पार्टी के पास भी कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है। 

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