पटाखा कारोबारियों और पुलिस में तनातनी जारी, अधिकारियों ने रखी नई शर्तें
punjabkesari.in Saturday, Oct 25, 2025 - 10:32 AM (IST)
जालंधर (खुराना): पिछले वर्षों में दिवाली से ठीक पहले जालंधर शहर में पटाखों का कारोबार हमेशा शांतिपूर्वक सा चलता आया है, लेकिन इस बार व्यापारियों को शुरू से अंत तक मुश्किलों का सामना करना पड़ा। भले ही इस बार 20 और 21 अक्तूबर को धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप दिवाली का त्योहार दो दिनों तक श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया, पटाखा विक्रेताओं के लिए यह मौसम निराशा भरा साबित हुआ। त्यौहार समाप्त होने के बाद भी उनके पास स्टॉक का बड़ा ढेर बाकी है, जिसे पूरे वर्ष संभालना पड़ेगा। अफसरों की लापरवाही और सरकारी तंत्र की उदासीनता ने 2 महीने व्यापारियों को परेशान किए रखा।

स्पोर्ट्स हब के निर्माण के चलते बर्लटन पार्क ग्राउंड में पटाखा मार्केट बंद होने के बाद नई साइट की मांग पर प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए। सुझाई गई जगहों पर लगातार बाधाएं आईं, कुछ नोटिफिकेशन जारी हुए तो उन्हें तुरंत ही रद्द भी कर दिया गया। इस दौरान व्यापारी दो गुटों में बंट गए, जबकि प्रशासन में भी असमंजस कायम रहा।
दिवाली से कुछ दिन पूर्व ड्रॉ तो निकाल दिया गया, मगर जगह तय न होने से पुलिस लाइसेंस जारी नहीं कर पाई। नतीजा, कुछ व्यापारी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचे, तो कुछ ने मुख्यमंत्री भगवंत मान तक अपनी गुहार लगाई। आखिरकार, सेंट्रल विधानसभा हलका प्रभारी नितिन कोहली के दखल से दबाव बनाकर 17 अक्तूबर की आधी रात को लाइसैंस मिले। उसी रात व्यापारियों ने काउंटर, सामान व स्टॉक नई मार्कीट में शिफ्ट किया और 18 अक्तूबर दोपहर से दुकानें चालू कीं।
जल्दबाजी में ज्यादातर विक्रेताओं ने लाइसैंस की शर्तें गौर से नहीं पढ़ीं, जिसमें साफ-साफ लिखा था कि पटाखों की बिक्री 20 अक्तूबर शाम 7.30 बजे तक ही हो सकेगी। इस बार वैष्णो देवी दरबार से भी 21 अक्तूबर को ही दीवाली मनाने की अपील आई, साथ ही 21 को बंदीछोड़ दिवस भी था। ग्राहकों की भारी भीड़ को देखते हुए सभी दुकानदारों ने 21 को भी कारोबार खुले रखे।
अब कुछ दिन पहले जालंधर पुलिस कमिश्नरेट की आर्म्स लाइसैंसिंग शाखा ने सभी पटाखा विक्रेताओं को नोटिस थमाए हैं। इनमें स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि लाइसेंस केवल 20 अक्तूबर शाम 7.30 तक वैध था, लेकिन विक्रेताओं ने समय सीमा लांघकर बिक्री जारी रखी और 21 को दुकानें खुली रहीं, जो लाइसैंस उल्लंघन है।
सहायक पुलिस कमिश्नर अमरनाथ के हस्ताक्षरित इन नोटिसों में एक्सप्लोसिव्स एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की धमकी दी गई है। 2 दिनों में जवाब न देने पर कानूनी कदम उठाने की बात कही गई है। नोटिस हाथ लगते ही व्यापारी भाजपा नेता के.डी. भंडारी के साथ डी.सी.पी. नरेश डोगरा से मिले और सारे दस्तावेज उन्हें सौंप दिए। आज जब कुछ विक्रेता दोबारा डोगरा से मिले तो उन्हें लाइसैंसिंग शाखा के ए.सी.पी. के पास भेज दिया गया। वहां पहुंचने पर साफ कहा गया कि पहले माफीनामा लिखें, तभी नोटिस रद्द होंगे।
ऐसा लग रहा है जैसे पुलिस अभी किसी नरमी के मूड में नजर नहीं आ रही, बल्कि शर्तों पर अड़ी हुई है। पता चला है कि शहर के पटाखा व्यापारी अब हाईकोर्ट की आगामी सुनवाई को मौका मान रहे हैं। उनका तर्क है कि यदि पूरे देश में 20-21 अक्तूबर को दीवाली दो दिनों तक मनाई गई, तो जालंधर में लाइसैंस केवल 20 तक क्यों सीमित किया गया? नोटिस क्यों भेजे गए? इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाने की रणनीति बना ली गई है। आज एसोसिएशनों के पदाधिकारी अपने वकीलों से सलाह लेते नजर आए। आने वाले दिनों में यदि बात न बनी तो पुलिस-व्यापारियों के बीच टकराव और तेज हो सकता है। व्यापारी एकजुट होकर न्याय की लड़ाई लड़ने को तैयार दिख रहे हैं।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

