गरीबों के लिए आफत बना कोरोना: झुग्गी-झोंपड़ियों में रहने वाले लोग रोजी रोटी से मोहताज

punjabkesari.in Saturday, Mar 28, 2020 - 10:38 AM (IST)

मोगा (गोपी राऊके): एक तरफ जहां पंजाब सरकार द्वारा कोरोना की आफत से पंजाबियों को बचाने के लिए मजबूरीवश कर्फ्यू लगाना पड़ गया है, वहीं दूसरी तरफ कर्फ्यू कारण आर्थिकता की मार झेल रहे उन गरीबों के घरों के चूल्हे 4 दिनों से ठंडे हैं, जो रोजाना थोड़ी-बहुत कमाई करके दो वक्त की रोजी-रोटी का जुगाड़ करते थे। हैरानी की बात तो यह है कि मोगा की झुग्गी-झोंपड़ियों में रहने वाले इन सैंकड़ों परिवारों के लिए जिला प्रशासन ने मुफ्त भोजन वितरण की घोषणा की थी लेकिन अभी तक इनके पास सामग्री का कुछ भी नहीं पहुंचा है। इस कारण इन लोगों को कोरोना के साथ-साथ भूखे मरने की चिंता भी सताने लगी है।

पंजाब केसरी द्वारा मोगा की झुग्गी-झोंपड़ियों व अन्य स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों के साथ जब बातचीत की तो यह हैरानीजनक खुलासा हुआ कि इनमें 70 प्रतिशत से अधिक लोगों को तो यह भी नहीं पता कि आखिरकार कोरोना क्या है। ये लोग कहते हैं कि उन्होंने तो सर्फि यही सुना है कि किसी बीमारी कारण सारा कुछ बंद है लेकिन यह कैसे व क्या है इस संबंधी कुछ नहीं पता। झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले बताते हैं कि उनके घरों में हाथ धोने के लिए साबुन तो क्या होना, बल्कि 3 दिनों से पीपों में आटा भी खत्म हो गया है। वहीं भूखे रहने वाले एक और व्यक्ति का कहना था कि घर में आटा नहीं है लेकिन बच्चे खाने के लिए रोटी मांगते हैं। अगर यह रवैया इसी तरह काफी दिन चलता रहा तो उनको बेहद समस्या हो जाएगी।

गौरतलब है कि मोगा के जीरा रोड, बहोना चौक, लुधियाना रोड, कोटकपूरा बाईपास नजदीक आदि स्थानों पर कई ऐसे लोग रहते हैं जिनके पास रोजी-रोटी का कर्फ्यू में कोई साधन न होने कारण ये प्रशासन की ओर देख रहे हैं। इस मामले संबंधी जिले के डप्टिी कमश्निर संदीप हंस व एस.डी.एम. सतवंत सिंह से फोन पर बार-बार सम्पर्क किया तो उनके द्वारा फोन न उठाने के चलते सम्पर्क स्थापित नहीं हो सका।

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