बीमारियों से जूझ रही है पंजाब की लाखों की आबादी, कोरोना की दस्तक सरकार के लिए बड़ी चुनौती !

punjabkesari.in Friday, Mar 06, 2020 - 12:33 PM (IST)

जालंधर। कोरोना वायरस जब देश और दुनिया में दस्तक दे रहा है तो ऐसे में इस खतरनाक वायरस से निपटने के लिए राज्यों के अस्पतालों की सेहत कैसी है यह यह सवाल आम नागरिक के जेहन में आ ही जाता है। आपको बता रहे हैं कि इस वायरस के मरीजों से निपटने के लिए पंजाब का स्वास्थ्य विभाग खुद कितना स्वस्थ है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2019 में इन्फैकशन से फैलने वाली बीमारियों की बात की जाए तो सूबे के विभिन्न अस्पतालों 6 लाख 48 हजार 490 लोग इलाज करवाने आए थे। जिनमें से 52 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से सांस से संक्रमित होने वाली बीमारियों के ही 4 लाख 7 हजार 139 मरीज शामिल थे, इनमें से इलाज के दौरान 14 लोगों की मौत हो गई थी। आंकड़ों के मुताबकि साल 2019 में करीब पौने तीन करोड़ की आबादी वाले पंजाब के 1 करोड़ 71 लाख 54 हजार 104 लोग अस्पतालों के आउट डोर व इनडोर में किसी न किसी बीमारी के इलाज के लिए पहुंचे थे। एक बात साफ है कि पंजाब में लोग पहले से ही बड़ी तादाद में बीमारियों से झूझ रहे हैं। इसमें कोई दोराय नहीं है कि अब कोरोना वायरस की दस्तक कैप्टन सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती है।

कैसा है स्वास्थ्य सेवाओं का आधारभूत ढांचा
वर्तमान में प्रदेश के सभी छोटे बड़े अस्पतालों में  1 लाख 15 हजार 790 बैड उपलब्ध हैं। जहां पर रूटीन के मरीज भी भर्ती रहते हैं। अगर राज्य के सुपर स्पैशल अस्पतालों की बात करें तो इनमें करीब 24 सौ बैड मौजूद हैं। बड़ी बीमारियों का इलाज करवाने की लिए पंजाब के लोग पीजीआई का रुख करते हैं जहां पहले से ही अन्य पड़ोसी राज्यों के मरीजों की भीड़ जमा रहती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1 लाख 28 हजार 246 लोग डायरिया के शिकार हुए थे। जिनमें से 24 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। सांस के संक्रमण की चपेट में 4 लाख 7 हजार 139 लोग आए थे। इनमें भी 14 लोगों की जान चली गई थी। 6 हजार 19 लोग निमोनिया से ग्रस्त हुए थे इनमें से भी इलाज के दौरान 12 लोगों की मौत हुई थी। एंटरिक फीवर और वायरल हेपेटाइटिस-सी. डी. ई. से भी एक-एक मौत हुई थी। कुछ और तरह के संक्रमण से होने वाले बीमार लोगों को उपचार के बाद लोगों को सही सलामत घर भेज दिया गया था।

 
क्या है सरकार फरमान
कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के लिए राज्य के जिला व शहरी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड भी तैयार कर रखे हैं। जहां पर विदेश से आने वाले लोगों की जांच की जा रही है। लोगों को वायरस के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। सरकार के आदेशों के मुताबिक प्रभावित देश या क्षेत्र की यात्रा कर लौटे व्यक्तियों के लिए खुद नजदीकी सरकारी अस्पताल या हैल्पलाइन नंबर-104 पर कॉल कर जानकारी देना लाजिमी है। जिससे संबंधित विभाग जरूरी कार्रवाई कर सके। सूबे के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह खुद कोरोना से निपटने के इंतजामों का जायजा ले रहे हैं।पंजाब व चंडीगढ़ में भी कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की संख्या 8 तक पहुंच गई है जिससे लोगों में दहशत का माहौल पाया जा रहा है। पी.जी.आई. चंडीगढ‍़ में कोरोना वायरस के 3 और संदिग्ध मरीज दाखिल हुए हैं जिनके सैंपल एम्स, नई दिल्ली में जांच के लिए भेजे गए हैं। दो लोगों के जांच के बाद सैंपल भी वापिस आ चुके है जो नेगेटिव पाए गए हैं। पंजाब में अभी कोरोना का प्रभाव अभी ज्यादा नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े यही बयान कर रहे हैं कि बड़े स्तर पर रूटीन के मरीजों के साथ कोरोना से निपटना कैप्टन सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।



स्वास्थ्य मंत्री ने दी पाकिस्तान न जाने की सलाह
उधर पंजाब सरकार ने कोरोना वायरस मामलों की निगरानी के अंतर्गत रिर्पोटिंग और मैनेजमेंट कर रहे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों रद्द कर दी हैं। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू का कहना है कि अब किसी भी तरह की छुट्टी केवल डायरेक्टोरेट स्वास्थ्य सेवाओं से मंजूरी मिलने के बाद ही दी जाएगी। सिद्दू ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर जाने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह कॉरिडोर के बाद पाकिस्तान  न जाएं। उन्होंने कहा है कि लाहौर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोग पाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि पंजाब के हर एयरपोर्ट पर विदेशों से आने वाले लोगों पर पंजाब सरकार नजर बनाए हुए है। 

Suraj Thakur