कोरोना पॉजिटिव हर पुलिसकर्मी की देखरेख के लिए लगाया एसीपी रैंक का अधिकारी

punjabkesari.in Sunday, Jun 21, 2020 - 11:13 AM (IST)

जालंधर (वरुण): कोरोना महामारी में पॉजिटिव आए पुलिस मुलाजिमों व उनके परिवार वालों की देखरेख एवं हर एक जरूरत को पूरा करने के लिए हर मुलाजिम पर अलग-अलग एस.पी./डी.एस.पी. रैंक का अधिकारी लगाया गया है। यह नियम पूरे पंजाब में लागू कर दिए गए हैं। जालंधर में इस समय कुल 14 मुलाजिम कोरोना की चपेट में जिन पर 12 ए.सी.पी. नियुक्त कर दिए गए हैं।

दरअसल यह नियम डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता के आदेशों के बाद बनाए गए। कांस्टेबल से एएसआई, सब इंस्पैक्टर या फिर किसी भी रैंक का पुलिस कर्मी कोरोना पॉजिटिव आता है तो उस पर एक ए.सी.पी./डी.एस.पी. नियुक्त कर दिया जाएगा। ए.सी.पी./ डी.एस.पी. हर रोज कोरोना पीड़ित मुलाजिम से फोन पर संपर्क करते रहेंगे। अगर मुलाजिमों को इलाज दौरान कोई भी परेशानी आती है तो ए.सी.पी./ डी.एस.पी. रैंक का अधिकारी उस परेशानी को तुरंत हल करवाएगा। इतना ही नहीं पुलिसकर्मी के घर में भी अगर किसी चीज की जरूरत है या फिर मेडिकल सुविधा चाहिए होगी तो संबंधित ए.सी.पी./डी.एस.पी. उनकी हर प्रकार से मदद करेंगे चाहे मुलाजिम का परिवार किसी अन्य जिले में ही रहता हो। जालंधर में इस समय 12 मुलाजिम कोरोना की चपेट में आ चुके हैं और 12 मुलाजिमों पर 12 ही एसीपी रैंक के अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं। पंजाब भर में यह नियम लागू किया जा चुका है।  

डी.सी.पी. इंवैस्टीगेशन गुरमीत सिंह का कहना है कि एक कोरोना पॉजिटिव पर एक ही ए.सी.पी. रैंक का अधिकारी नियुक्त किया गया है ताकि मुलाजिम व उसके परिवार की देखरेख अच्छे तरीके से हो सके। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में शहर में लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए पुलिस मुलाजिमों ने अपना व परिवार का बिना कुछ सोचे लोगों को इस वायरस से बचाने के लिए अच्छे प्रयास किए और जारी भी है जिसके चलते उच्चाधिकारी ऐसे पुलिस मुलाजिमों को नजरअंदाज कैसे कर सकते हैं। 

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Tania pathak