कोरोना ने पंजाब के किसानों पर डाला लाखों का अतिरिक्त बोझ

punjabkesari.in Tuesday, Apr 28, 2020 - 09:46 AM (IST)

बठिंडा: कोरोना महामारी के कारण किए गए लॉकडाऊन के बाद बने हालातों ने पंजाब के किसानों पर लाखों रुपये का अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। किसानों को गेहूं की कटाई के बाद उसकी घरों या खेतों में संभाल करने पर लाखों रूपए खर्च करने पड़ रहे हैं जिससे उनकी हालत काफी दयनीय बनी हुई है। 

अधिकांश किसान गेहूं को काटकर अपने घरों में संभाल रहे हैं जबकि कुछ किसानों द्वारा पुराने जमाने की तरह खेतों में ही पिड़ (फसल रखने हेतु जगह) बनाकर फसल को वहीं पर संभालने के प्रबंध किए गए हैं। पंजाब सरकार व मंडी बोर्ड की ओर से गेहूं की खरीद के लिए रखी गई शर्तों ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं व किसान गेहूं के मंडीकरण में पूरी तरह उलझकर रह गए हैं।  आम तौर पर गेहूं की कटाई के सीजन में किसान एक ही बार में कंबाइन या मजदूरों की मदद से गेहूं की फसल काटते थे व कटाई के तुरंत बाद फसल को मंडी में ले जाते थे। लेकिन अब लॉकडाऊन के कारण की गई व्यवस्था ने किसानों का खर्च व परेशानी बढ़ा दी है। किसानों को फसल काटकर अपने घरों या अन्य जगहों पर ही स्टोर करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि मंडियों में भीड़ न हो। इस प्रक्रिया ने किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक डाल दिया है। किसानों को पहले गेहूं की फसल खेतों से उठाकर अपने घरों या अन्य जगहों पर स्टोर करनी पड़ रही है। बाद में अपनी बारी आने पर उक्त जगहों से गेहूं फिर से उठाकर मंडी में ले जानी पड़ती है। उक्त सारा काम लेबर व ट्रैक्टर-ट्राली संचालकों की मदद से ही होता है जिसका दुगुना किराया किसानों को देना पड़ रहा है। इसके अलावा कुछ किसान खेतों में ही फसल को संभाल रहे हैं जिसका भी खर्च उन्हें सहन करना पड़ रहा है। 

50 क्विंटल गेहूं की बिक्री की शर्त बनी मुसीबत
कोरोना महामारी के फैलाव को रोकने के लिए सरकार व मंडी बोर्ड की ओर से बेशक मंडियों की संख्या बढ़ाई गई है ताकि सामाजिक दूरी बनी रहे लेकिन इसी दौरान किसानों पर कई शर्तें भी लगा दी गई हैं जो किसानों के लिए मुसीबत बन गई हैं। किसानों को आढ़तियों के माध्यम से पास मुहैया करवाए जा रहे हैं व एक पास पर किसान एक बार में मात्र 50 किं्वटल (लगभग एक ट्राली) गेहूं ही मंडी में बेच सकता है। उक्त पास किसानों को पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहे जिससे भी किसान परेशान हैं। मंडियों में गेहूं की लिफ्टिंग जल्दी न होने के कारण पास जारी करने की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है। मंडियों में जगह के अभाव के कारण किसानों को मंडी में फसल रखने में भी दिक्कतें आ रही हैं। 

घरों से ही गेहूं की खरीद करे सरकार
भाकियू लक्खोवाल के जिला महासचिव सरूप सिंह सिद्धू ने कहा कि बेशक कोरोना महामारी से निपटने के लिए व्यवस्था बनाई गई है लेकिन इससे किसान परेशान हैं। इसका किसानों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ गया है। सरकार को चाहिए कि गेहूं की फसल की खरीद विभिन्न एजैंसियों की मदद से किसानों के घरों से ही करवाई जाए। किसानों को पहले से ही गेहूं साफ करने की हिदायतें दी जाएं ताकि खरीद में कोई दिक्कत न हो। इससे सोशल डिस्टैंस का पालन भी होगा तथा किसानों को आ रही समस्याओं का भी समाधान हो जाएगा। मंडियों में भी लिफ्टिंग के काम में तेजी लाने की जरूरत है ताकि अधिक से अधिक किसानों को पास जारी हो सकें व वह अपनी फसल मंडी में ला सकें। 

Vatika