कोरोना वायरस: पंजाब में Airports के पास बने लैब, सीमा पर बसे गांवों में भी हो मॉनिटरिंग

punjabkesari.in Friday, Mar 06, 2020 - 11:48 AM (IST)

जालंधर(रत्ता, सोमनाथ): कोविड-19 (कोरोना वायरस डिजीज-2019) का परीक्षण आसान नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस वायरस का परीक्षण रियल टाइम-पी.सी.आर. के माध्यम से प्रयोगशाला में किया जा सकता है। भारत में, अब तक परीक्षण के लिए 15 लैब काम कर रही हैं और जल्द ही 19 और लैबोरेट्रीज काम करना शुरू कर देंगी। फिलहाल पंजाब में कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए कोई लैब नहीं है। पंजाब सरकार को चाहिए कि पंजाब में पड़ते बड़े 2 एयरपोर्ट चंडीगढ़ और अमृतसर में जल्द ही कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए लैब तैयार की जाए।

पंजाब में कोरोना वायरस के जो संदिग्ध मरीज मिल रहे हैं, उनके नमूने परीक्षण के लिए पंजाब से बाहर भेजे जा रहे हैं। अब तक संदिग्ध कोरोना वायरस रोगियों के नमूनों का परीक्षण दिल्ली में नैशनल सैंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एन.सी.डी.सी.), नैशनल काऊंसिल ऑफ मैडीकल रिसर्च (आई.सी. एम.आर.) की प्रयोगशालाओं में नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एन.आई.वी.) पूना के अलावा, अलाप्पुझा, बेंगलूर, हैदराबाद और मुंबई में किया जाता है। ये सभी लैब एन.आई.वी. के मार्गदर्शन में काम कर रही हैं। 

कोरोना वायरस परीक्षण लैब की जरूरत 

कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए ब्लड के अलावा नेजोङ्क्षफ्रजल स्वैप और स्पूटम के नमूने लिए जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक हालांकि नेजोफ्रिजल स्वैप टैस्ट कुछ घंटे का परीक्षण है मगर कई बार इस टैस्ट में 2 दिन तक लग जाते हैं। ज्यादा समय लगने के कारण पंजाब सरकार को कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट्स के नजदीक लैब स्थापित करनी चाहिए। इनके टैस्ट चंडीगढ़ में पी.जी.आई. और अमृतसर में सरकारी मैडीकल कॉलेज की लैब में भी किए जाने की मंजूरी दी जा सकती है। इसके अलावा बॉर्डर पर बसे गांवों में भी मॉनिटरिंग करवाई जानी चाहिए। 

आर.टी.पी.सी.आर. टैस्ट से पुष्टि संभव

कोरोना वायरस के मरीजों के गले और नाक से बहते पानी और ब्लड सैंपल लेकर लैब में भेजा जा रहा है। कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए अलग-अलग परीक्षण किए जा रहे हैं। न्यूक्लिक एसिड प्रवर्धन-आधारित परत परीक्षण को पोलीमरेज चेन रिएक्शन (पी.सी.आर.) नाम दिया गया है और इस परीक्षण का रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चेन रिएक्शन (आर.टी.पी.सी.आर.) काफी संवेदनशील है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशों के अनुसार आर.टी.पी.सी.आर. परीक्षण से कोविड-19 के डायग्नोस को पुष्टि संभव है। 

कोरोना टैस्ट में लगते हैं 12-24 घंटे

एक वैज्ञानिक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि आर.टी.पी.सी.आर. परीक्षण अत्यधिक संवेदनशील है। यह एक तरह का जीन आधारित डायग्नोस्टिक टैस्ट है। यह पारंपरिक परीक्षण की तुलना में बहुत अधिक विश्वसनीय और बेहतर है। कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए टैस्ट में कम-से-कम 12-24 घंटे लगते हैं। 

चीन में हर रोज तैयार हो रहीं 17 लाख टैस्ट किट

पूरी दुनिया में पैर पसार रहे कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए चीन ने बड़े पैमाने पर टैस्ट किट बनानी शुरू कर दी हैं। एक जानकारी के मुताबिक चीन में आर.टी.पी.सी.आर. टैस्ट के लिए हर रोज 17 लाख टैस्ट किट तैयार हो रही हैं। इसके अलावा एंटीबॉडी टैस्ट किट साढ़े 3 लाख अलग से तैयार हो रही हैं। 

भारत में उठाए गए कदम

  • 21 एयरपोर्ट्स पर भारत में अब तक साढ़े पांच लाख लोगों की स्क्रीङ्क्षनग
  • 77 बंदरगाहों पर अब तक 12,431 लोगों की स्क्रीनिंग 
  • 24 हजारलोगों की उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में स्क्रीनिंग 

Reported By

Bhupinder Ratta