पंजाब सरकार को 6 महीनों के बाद आई याद, अब नई दरों पर कर रहे निष्पादन

punjabkesari.in Tuesday, Nov 17, 2020 - 10:05 AM (IST)

चंडीगढ़ (एच.सी. शर्मा): राज्य में कोरोना महामारी के दस्तक देने के लगभग 6 महीने बाद पंजाब सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को याद आई कि कोविड-19 के इलाज दौरान निकलने वाला मैडीकल कचरा आम मैडीकल कचरा नहीं है, बल्कि इसका निष्पादन अलग और साइंटिफिक तरीके से होना जरूरी है। यह संक्रमणीय है और इसके संक्रमण से महामारी के फैलने की प्रबल संभावनाएं हैं। पंजाब में पहला कोरोना मामला मार्च माह के पहले सप्ताह में सामने आया था। लेकिन तब से सितम्बर माह के अंत तक न तो पंजाब सरकार को, न ही इसके स्वास्थ्य विभाग और न ही राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसके इलाज केे कचरा प्रबंधन के उचित निष्पादन की सुध आई। जाहिर है कोरोना इलाज के मैडीकल वेस्ट को संक्रमित होने के बावजूद अन्य मैडीकल कचरे के रूप में निष्पादित किया जाता रहा।

सितम्बर माह में इकाइयों की मांग पर उठाया कदम
महामारी फैलने के 6 माह बाद मैडीकल कचरा प्रबंधन इकाइयों की जुबानी मांग पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को संज्ञान लेना पड़ा कि कोविड-19 कचरा प्रबंधन आम मैडीकल कचरा प्रबंधन नहीं है, बल्कि अति संंक्रमणकारी होने के कारण उचित निष्पादन की जरूरत है ताकि महामारी के फैलने पर रोक लगाई जा सके।

कचरा निष्पादन इकाइयों की मांग पर तय हुई दरें, पहले दिन से होंगी लागू
कचरा प्रबंधन इकाइयों व मैडीकल वेस्ट प्रबंधन के साथ वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से संपर्क साधने व चर्चा के बाद पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोरोना इलाज से संबंधित सभी मैडीकल इकाइयों के कचरा प्रबंधन को लेकर दरें तय कर दीं। बेशक ये दरें राज्य में कोरोना फैलने के 6 महीने के बाद तय हुई हैं लेकिन यह दरें तभी से लागू होंगी जब से इन मैडीकल फैसिलिटीज में मैडीकल कचरा का निकलना शुरू हो गया था।

संस्थानों को इकाइयों से करने होंगे समझौते
कोविड-19 वेस्ट की मंजूर अधिकतम मात्रा (किलो/माह) से अधिक कोविड-19 वेस्ट के लिए कचरा निष्पादन इकाइयां अतिरिक्त रूप से 30 रुपए प्रति किलोग्राम वसूलने के लिए अधिकृत होंगी। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों से जैनरेट होने वाले कचरा प्रबंधन के लिए संस्थान प्रबंधनों को कचरा निष्पादन इकाइयों के साथ जरूरी रूप से समझौते पर हस्ताक्षर करने होंगे। जो हैल्थकेयर इकाइयां नियमित रूप से कोविड-19 कचरा जैनरेट नहीं करती परंतु कभी-कभार ऐसा कचरा उत्पन्न होता है, को निष्पादन इकाइयों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर की जरूरत नहीं है लेकिन सुनिश्चित करना होगा कि जब भी उनके यहां इस प्रकार का कचरा उत्पन्न हो तो वह उक्त इकाइयों के माध्यम से निष्पादन सुनिश्चित करें।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के हवाले पर जारी हुए नए निर्देश
पंजाब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कोविड-19 इलाज, डायग्नोसिज या क्वारंटाइन के दौरान निकले मैडीकल वेस्ट के प्रबंधन के संबंध में की हैंडलिंग, ट्रीटमैंट व डिस्पोजल के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए अब निर्देश जारी किए हैं कि राज्य के हैल्थ केयर सैंटरों, आइसोलेशन वार्ड्स, क्वारंटाइन सैंटरों, कैंपस, होम क्वारेंटाइन, होम केयर फैसिलिटीज, कलैक्शन सैंटरों या टैस्टिंग लैबोरेट्रीज से उत्पन्न होने वाले कचरे को अन्य मैडीकल वेस्ट से अलग से एकत्रित, ट्रांसपोर्टेड, ट्रीटिड व डिस्पोज्ड करना होगा। निर्देशों में यह भी कहा गया है कि यह कोविड-19 मैडीकल वेस्ट नित्य प्रतिदिन उठाकर इसका निष्पादन करना होगा।

 

 

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