हैंडटूल्स के कोलोन फेयर पर कोरोना वायरस का साया

punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2020 - 08:22 AM (IST)

जालंधर(धवन): जर्मनी के शहर कोलोन में 1 से 4 मार्च तक लगने वाले हैंडटूल्स के सबसे बड़े मेले पर कोरोना वायरस का साया पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। कोलोन मेले में हर वर्ष विश्व की हैंडटूल्स से संबंध रखती लगभग 4000 कम्पनियां भाग लेती हैं। 

कोलोन मेले के लिए उद्यमियों को अपने स्टॉल लगाने के लिए बूथों की बुकिंग 1 वर्ष पहले करवानी पड़ती है। बूथ काफी महंगे दामों पर बिकते हैं। औसत: 15 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनने वाले एक बूथ पर लगभग 9 लाख रुपए का खर्चा आ जाता है। कोलोन मेले के लिए अगर एक वर्ष पहले बूथों की बुकिंग नहीं करवाई जाती है तो उस स्थिति में उद्यमियों को बूथ लेने के लाले भी पड़ जाते हैं। कोलोन मेले पर इस बार कोरोना वायरस का असर अभी से दिखाई देने लगा है। जर्मनी के साथ पड़ते शहर इटली तक कोरोना वायरस पहुंच चुका है इसलिए भारतीय उद्यमियों में दहशत पाई जा रही है कि वह कोलोन मेले में जर्मनी जाएं या न। इस संबंध में हैंडटूल्स इंडस्ट्री से जुड़े कुछ प्रमुख उद्यमियों से चर्चा की गई जिनके विचार निम्नलिखित थे।

बुकिंग के पैसे रिफंड करने के लिए तैयार नहीं कोलोन मेला प्रबंधक : अमित गोस्वामी
हैंडटूल उद्यमी अमित गोस्वामी ने कहा है कि कोरोना वायरस का असर साफ तौर पर उद्यमियों पर दिखाई दे रहा है। उन्होंने 1 वर्ष पहले स्टॉल की बुकिंग करवाई थी परंतु उस समय कोरोना वायरस का कोई असर नहीं था। कोलोन मेले में भारी गिनती में विश्व भर से हैंडटूल उद्यमी हिस्सा लेते हैं जिनमें चीन के उद्यमियों की गिनती सर्वाधिक है। कोलोन मेले में लगभग 70 प्रतिशत स्टॉल तो चीन से संबंध रखते हैं। ऐसी स्थिति में भारतीय उद्यमियों के अंदर चिंता पाई जा रही है परंतु कोलोन मेला प्रबंधक स्टॉल कैंसिल करने तथा बुकिंग की राशि रिफंड करने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसी स्थिति में उद्यमियों की लाखों रुपए की राशि व्यर्थ हो सकती है। उन्होंने कहा कि पहले तो कोलोन मेले के लिए स्टैंड लेना ही आसान नहीं है और अब कोलोन मेले पर कोरोना वायरस का असर होने के बाद भारत की 100-150 कम्पनियों के अंदर अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कुछ उद्यमियों में रिफंड के लिए प्रबंधकों से कहा था परंतु उन्होंने कहा है कि आप चाहे अपनी बुकिंग कैंसिल करवा सकते हैं परंतु राशि रिफंड नहीं होगी।

टिकटें व होटल की बुकिंग तो पहले ही करवा चुके हैं उद्यमी : ज्ञान भंडारी
हैंडटूल्स के एक अन्य प्रमुख उद्यमी ज्ञान भंडारी ने कहा है कि कोलोन मेले में भाग लेने के लिए उद्यमी पहले ही हवाई जहाज की टिकटें तथा होटल की बुकिंग करवा चुके हैं। अब इन्हें रद्द करना आसान नहीं होगा। कोरोना वायरस का असर कोलोन मेले पर पड़ चुका है। भारतीय उद्यमी दहशत के माहौल में चल रहे हैं। उनकी यूरोप के कुछ कस्टमर्स से बात हुई जिन्होंने कोलोन मेले में भाग लेना था परंतु अब उन्होंने मेले में भाग लेने से इंकार कर दिया है क्योंकि कोलोन मेले में चीन के उद्यमियों व कस्टमर्स ने भी भारी संख्या में भाग लेना है। जहां पर कोरोना वायरस फैला हुआ है। अब तो कोलोन मेले के आयोजन के बाद ही इसकी सफलता का पता चलेगा। भारत सरकार को इस संबंध में दखल देकर जर्मनी की सरकार से बातचीत करनी चाहिए। 

कोलोन मेले की तारीख आगे डाल दी जाती तो बेहतर होता : सुरेश शर्मा 
हैंडटूल्स उद्यमी व निर्यातक सुरेश शर्मा ने कहा है कि चीन में फैले कोरोना वायरस का कोलोन मेले पर असर होना स्वाभाविक है। उद्यमियों ने लाखों रुपए की राशि मेले में भाग लेने के लिए खर्च कर डाली है। उन्होंने कहा कि अगर कोलोन मेले की तारीख को कुछ समय के लिए आगे डाल दिया जाता तो बेहतर होता। अब देखना यह होगा कि कोलोन मेले में भाग लेने के लिए विश्व भर से आने वाले कस्टमर्स की गिनती कितनी रहती है। अगर कस्टमर्स ही न आए तो मेले के आयोजन का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा। ऐसी स्थिति में कोई सर्वमान्य हल निकाला जाना चाहिए। वैसे ही कोरोना वायरस के बाद विश्व भर में आर्थिक मंदी का दौर गहरा चुका है।

मैंने कोलोन मेले में जाने का विचार रद्द किया : अश्विनी विक्टर 
हैंडटूल्स के एक अन्य निर्यातक अश्विनी कुमार विक्टर ने कहा है कि कोलोन मेले में उन्होंने स्वयं जाने से इंकार कर दिया है। विश्वभर से भाग लेने वाली कम्पनियों की गिनती घटती जा रही है। चीन की भी भारी गिनती में भागीदारी न के बराबर होनी है। जर्मनी की कम्पनियों ने भी भाग लेने से इंकार कर दिया है। विश्वभर में कोरोना वायरस को लेकर दहशत का माहौल देखने को मिल रहा है। उन्हें नहीं लगता कि इस बार बढ़ी गिनती में कस्टमर्स कोलोन मेले में दिखाई देंगे।

Edited By

Sunita sarangal