पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक: कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए आपातकालीन उपायों का ऐलान

punjabkesari.in Tuesday, Mar 03, 2020 - 12:18 PM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): कोरोना वायरस से पैदा होने वाली स्थिति से निपटने की तैयारियों के तौर पर पंजाब सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में 'फ्लू कॉर्नर' स्थापित करने समेत आपातकालीन कदम उठाने का ऐलान किया है।

यह कॉर्नर सांस से संबंधित इंफैक्शन के संदिग्ध मामलों की जल्द जांच करेंगे और संदिग्ध के घूमने-फिरने को सीमित करने को यकीनी बनाएंगे जिससे रोग के फैलाव को रोका जा सके। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की मीटिंग दौरान वैश्विक स्तर पर फैले महारोग से पैदा स्थिति का जायजा लिया। मीटिंग के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एपीडैमिक डिजीज एक्ट-1897 की धारा 2,3, और 4 के घेरे अधीन "पंजाब एपीडैमिक डिजीज, कोविड-19 रैगुलेशन्ज-2020" को मंजूरी दे दी है जिससे कोविड-19 (कोरोनावायरस डिजीज-2019) को रोका जा सके। इस संबंधी नोटीफिकेशन जल्द जारी कर दिया जाएगा।मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत नोटीफिकेशन मुताबिक किसी भी प्राइवेट लैबोरेटरी को कोविड-19 का टैस्ट करने या सैंपल लेने के लिए अधिकृत नहीं किया गया। कोई भी व्यक्ति या संस्था स्वास्थ्य विभाग की अग्रिम मंजूरी बिना किसी तरह की जानकारी देने के लिए प्रिंट या अन्य मीडिया को इस्तेमाल नहीं करेगी। प्रवक्ता ने बताया कि नोटीफिकेशन मुताबिक कोविड-19 संबंधी किसी भी तरह की अफवाह या गैर-वैज्ञानिक जानकारी मुहैया करवाना दंडनीय अपराध होगा।

वायरस प्रभावित इलाकों की यात्रा संबंधी जानकारी ‘हैल्पलाइन-104’ पर दें
अस्पतालों को हिदायत दी जा रही है कि संदिग्ध के ऐसे मुल्क या इलाके, जहां रोग के फैलने की रिपोर्टें हैं, की यात्रा संबंधी पता लगाया जाए। वह कोविड-19 के संदिग्ध या पुष्टि हो चुके केस के संपर्क में आया है तो विस्तार में जानकारी एकत्रित की जाए। प्रभावित देश या क्षेत्र की यात्रा कर लौटे व्यक्तियों के लिए खुद नजदीकी सरकारी अस्पताल या हैल्पलाइन नंबर-104 पर कॉल कर जानकारी देना लाजिमी है, ताकि विभाग जरूरी कार्रवाई कर सके। कोरोनावायरस से प्रभावित क्षेत्र की यात्रा की है और लक्षण पाए गए हैं तो स्वास्थ्य विभाग के पास संबंधित जिले के डिप्टी कमिश्नर के साथ परामर्श कर अस्पताल में दाखिल करवाने और अलग रखने के अधिकार होंगे। जिस क्षेत्र में मामले सामने आते हैं, तो संबंधित जिला प्रशासन के पास रोकथाम के लिए कदम लागू करने के अधिकार होंगे। हर जिले के डिप्टी कमिश्नर को अधिकार क्षेत्र में संबंधित नोटीफिकेशन के अनुसार कार्रवाई का अधिकार है। रोकथाम के लिए कदमों संबंधी फैसला लेने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता अधीन समिति बनाकर नोटीफाई की गई है जिसमें एस.एस.पी., सिविल सर्जन और जिले के अन्य अधिकारी शामिल होंगे। इस एक्ट के अधीन किसी नियम या हुक्म का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति /संस्था को अपराधी माना जाएगा और उसके विरुद्ध भारतीय दंडावली की धारा 188 (1860 का 45) अधीन कार्रवाई की जाएगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vatika

Recommended News

Related News