DIG इंद्रबीर सिंह को पेश करने के लिए Court ने जारी किए Order, जानें क्यों...

punjabkesari.in Wednesday, Jan 10, 2024 - 04:20 PM (IST)

तरनतारन(रमन): जिले से संबंधित नशा तस्करों से 10 लाख रुपए रिश्वत लेने वाले डी.एस.पी. लखबीर सिंह संधू द्वारा विजीलैंस के माध्यम से अदालत में पेश होकर सरकारी गवाह बनने संबंधित हलफिया बयान पेश किया गया है। अदालत ने पुलिस को डी.आई.जी. को अदालत में पेश करने के लिए आदेश जारी किए हैं। गौरतलब है कि इस मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी को होने जा रही है। 

30 जून 2022 के दौरान जिले के थाना भिखीविंड की पुलिस द्वारा सुरजीत सिंह निवासी माड़ीमेघा को 900 ग्राम अफीम सहित गिरफ्तार किया गया था। जिसने अपनी पूछताछ में पिछोरा सिंह नामक व्यक्ति का नाम लिया था। इस मामले में फरीदकोट में उस समय तैनात डी.एस.पी. लखबीर सिंह संधू (जो पहले सब डिविजन भिखीविंड में तैनात रह चुके थे) द्वारा पिछोरा सिंह को इस मामले में से बाहर निकालने के लिए 10 लाख रुपए रिश्वत मांगी गई थी। उस समय जिले के एस.एस.पी. रणजीत सिंह ढिल्लों के कार्यकाल के दौरान डी.एस.पी. लखबीर सिंह संधू को वसूल की गई 10 लाख रुपए रिश्वत सहित उसमां टोल प्लाजा नजदीक से गिरफ्तार कर लिया गया था। वसूल की गई रिश्वत संबंधित डी.एस.पी. लखबीर सिंह संधू द्वारा डी.आई.जी. इंद्रबीर सिंह के बोलने पर वसूली रिश्वत संबंधित आरोप लगाए गए थे। विजीलैंस द्वारा इस मामले में सुरजीत सिंह व पिछोरा सिंह को गिरफ्तार करते हुए ए.एस.आई. रछपाल सिंह को भी नामजद किया गया था। 

इसी तरह सी.आई.ए. स्टाफ पट्टी में तैनात सब इंस्पैक्टर बलजिंदर सिंह बाजवा द्वारा डी.आई.जी. इंद्रबीर सिंह के खिलाफ उसको अवैध हिरासत में रखने व केस में फंसाने की धमकी देते हुए 23 लाख रुपए वसूल करने संबंधित उस समय के एस.एस.पी. रणजीत सिंह ढिल्लों को हलफिया बयान देते हुए शिकायत दर्ज करवाई गई थी। इस संबंधित थाना सिटी पट्टी में डी.आई.जी. इंद्रबीर सिंह के रीडर को भी नामजद करते हुए केस दर्ज कर लिया गया था।  रिश्वत मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुके फिरोजपुर के पूर्व डी.एस.पी. लखबीर सिंह द्वारा अपने डी.आई.जी. के खिलाफ अदालत में इकबालिया बयान के बाद सीनियर आई.पी.एस. इंद्रबीर सिंह की समस्याएं और बढ़ चुकी हैं, क्योंकि लखबीर सिंह डी.एस.पी. ने अदालत में अपना यह इकबालिया बयान दिया है कि उसने ड्रग तस्करों से रिश्वत की राशि को लेकर अपने (उच्च अधिकारी उस समय के) डी.आई.जी. फिरोजपुर रेंज इंद्रबीर सिंह को दे दी थी। पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारियों की प्राथमिकता जांच के दौरान 2023 में दोनों मामलों में डी.आई.जी. इंद्रबीर सिंह को आरोपी के तौर पर तो नामजद कर दिया गया था, परंतु उसका अधिकारियों से बर्ताव दोस्ताना होने के कारण आगे कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी। इसके बाद डी.जी.पी. पंजाब द्वारा इस मामले की जांच विजीलैंस ब्यूरो को दे दी थी। 

जानकारी के अनुसार उक्त दोनों मामलों की जांच कर रही विजीलैंस बीते सोमवार को डी.एस.पी. लखबीर सिंह सहित माननीय अडिशनल सैशन जज आर.के. शर्मा की अदालत में पेश हुई। जहां लखबीर सिंह संधू ने धारा 164 सी.आर.पी.सी. (मैजिस्ट्रेट के सामने इकबालिया बयान) सरकारी गवाह बनने संबंधित अपने बयान दर्ज करवा दिए हैं। जानकारी देते हुए डी.एस.पी. संधू के वकील बलदेव सिंह गिल ने बताया कि उक्त दोनों मामलों की सुनवाई कर रही माननीय अदालत द्वारा धारा 164 के तहत बयान दर्ज करते हुए डी.एस.पी. लखबीर सिंह संधू की मौजूदगी में अदालत के सामने डी.आई.जी. इंद्रबीर सिंह को पेश करने के आदेश जारी किए हैं। इसके बाद अगली अदालती कार्रवाई शुरु होगी। अदालत द्वारा अगली सुनवाई के लिए 23 जनवरी की तारीख तय की गई है।  बताया जाए कि प्रधानमंत्री की जनवरी 2022 में फिरोजपुर रैली के दौरान (आई.पी.एस.) डी.आई.जी. इंद्रबीर सिंह को भी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों वाली जांच समिति ने सुरक्षा उल्लंघना मामले में आरोपी ठहराया था। जांच टीम द्वारा अपनी रिपोर्ट में यह बोला गया है कि ए.डी.जी.पी. के आदेशों के बावजूद डी.आई.जी. फिरोजपुर इंद्रबीर सिंह रुट पर मौजूद रहने व सुरक्षा इंतजामों को अनिवार्य बनाने में नाकाम रहे हैं। डी.आई.जी. इंद्रबीर सिंह, फिरोजपुर के एस.एस.पी. को समिति द्वारा पूरे सुरक्षा मामले का जिम्मेदार ठहराया गया है।   
 

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Vatika