Whatsapp को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई महिला, कोर्ट ने आगे से कहा...

punjabkesari.in Monday, Oct 13, 2025 - 07:33 PM (IST)

पंजाब डैस्क : सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला डॉक्टर की याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने अपना व्हाट्सएप अकाउंट दोबारा चालू करने की मांग की थी।  डॉ. रमन कुंद्रा ने तर्क दिया कि यह प्लेटफ़ॉर्म उनके पेशेवर और व्यक्तिगत संचार के लिए आवश्यक है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि व्हाट्सएप एक निजी संस्था है और उपयोगकर्ता इसके सेवा शर्तों के अधीन हैं। डॉक्टर का कहना था कि व्हाट्सएप उनके पेशेवर और निजी कामों के लिए ज़रूरी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि व्हाट्सएप एक निजी कंपनी है और उसका इस्तेमाल संविधान द्वारा गारंटीकृत अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि निजी ऐप्स की अपनी नीतियां होती हैं और उपयोगकर्ताओं को उन्हें मानना पड़ता है। 

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने डॉक्टर से कहा, “आप चाहें तो ज़ोहो कंपनी की अरत्ताई ऐप का इस्तेमाल कर सकती हैं।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्हाट्सएप जैसी निजी डिजिटल सेवाओं का इस्तेमाल कोई मौलिक अधिकार नहीं है। अगर किसी को ऐसी कंपनियों से शिकायत है, तो उसे नियमित कानूनी या नियामक रास्ते से हल करना होगा, कोर्ट में नहीं। डॉक्टर की ओर से पेश वकील ने इसके बाद याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे कोर्ट ने मंज़ूर कर लिया। ज़ोहो कंपनी का देसी मैसेजिंग ऐप अरत्ताई इन दिनों भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। हाल ही में यह ऐप व्हाट्सएप, टेलीग्राम और सिग्नल से आगे निकलकर टॉप ऐप बन गया था। 2021 में लॉन्च हुआ अरत्ताई ऐप “स्पाइवेयर-फ्री, मेड इन इंडिया मैसेंजर” के रूप में लोगों को पसंद आ रहा है। इसकी लोकप्रियता को सरकार के कई अधिकारियों का समर्थन भी मिला है।


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Content Editor

Subhash Kapoor