COVID-19 से बचने के लिए घरों में दाखिल होने से पहले हिदायतों की पालना करना अनिवार्य

punjabkesari.in Thursday, Apr 09, 2020 - 08:30 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): कोविड-19 के खतरे से बचने के लिए और घर में दाखिल होने से पहले पंजाब सरकार द्वारा जारी हिदायतों की पालना अनिवार्य तौर पर की जानी चाहिए ताकि हम अपने पारिवारिक सदस्यों को अधिक से अधिरक सुरक्षित कर सकें। सिर्फ सावधानी प्रयोग कर के ही घर को कोरोना वायरस के खतरे से बचाया जा सकता है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जब भी कोई व्यक्ति बाहर से अपने घर वापस आता है तो उस समय घर में आकर किसी भी चीज को हाथ न लगाया जाए और सबसे पहले अपने जूते उतारने चाहिए। अगर पालतू जानवर है तो बाहर सैर करवा कर आएं तो उसके पंजों को भी अ‘छी तरह से रोगाणु मुक्त किया जाए।

प्रवक्ता ने बताया कि अपने कपड़ों को बदल कर और धोने के लिए अलग से रख दिया जाए जिसके बाद बैग, पर्स, चाबियों आदि को घर की एंट्री पर ही किसी बक्से में डाल दिया जाए ताकि घर की किसी अंदरूनी वस्तु के साथ इनका संपर्क न हो। उन्होंने बताया कि नहाने से आप रोगाणू मुक्त हो जाते हौ इसलिए नहाना बहुत जरूरी है। अगर अब किसी कारण नहाना नहीं चाहते तो कम से कम हाथ, बाहें, गर्दन और नाखूनों को अ‘छी तरह से साबुन से साफ करें।उन्होंने बताया कि यह भी अतिआवश्यक है कि मोबाइल फोन और एनकों को गर्म साबुन वाले पानी के स्प्रै या अल्कोहल से रोगाणूमुक्त किया जाए और इसके अलावा बाहर से लाई गई किसी भी वस्तु को बिना अ‘छे से रोगाणू मुक्त करने के बाद ही घर में लाया जाए जिसके बाद फिर एक बार हाथों को सही तरीके साफ किया जाए।

प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि हर चीज को रोगाणूमुक्त करना संभव नहीं है परंतु हम इन हिदायतों की पालना करके कोरोना के खतरे को कम कर सकते हैं और अपने परिवार को सुरक्षित भी रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली सरकार कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है और लाकडाऊन के तहत पंजाबवासी घर रह कर इस वायरस के खात्मे के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दे सकते हैं।प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम व विभिन्न सेवाओं संबंधी और अधिक जानकारी लेने के लिए हैल्प लाइन नंबर 104 व 112 पर सहायता ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर सुखी खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क किया जाए ताकि समय से ही मरीज का इलाज शुरू किया जा सके।

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