पार्टियों में बढ़ रहा चिकन का क्रेज, हजारों मुर्गे डकार जाते हैं शराबी

punjabkesari.in Friday, Sep 27, 2019 - 01:54 PM (IST)

अमृतसर(इन्द्रजीत): सब्जियों की कीमतों में धड़ाधड़ वृद्धि के कारण लोगों का रुझान नॉनवेज की तरफ जाने लगा है, जबकि पिछले महीनों में दालों की कीमतों में 7 प्रतिशत वृद्धि ने भी इसका ग्राफ बढ़ाया है, क्योंकि खाली अमृतसर शहर में 20 हजार मुर्गे रोज की खप्त हो चुकी है, जबकि अन्य जीवों से बने नॉनवेज के शौकीनों का ग्राफ अभी अलग है। इसमें यदि देहाती क्षेत्रों की संख्या को जमाकर लिया जाए तो इसमें 60 फीसद और वृद्धि हो जाएगी। 

इस संबंध में कुक्कुट उद्योग के पुराने जानकार एवं पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष जी.एस बेदी का कहना है कि वर्तमान समय में अमृतसर में 250 के करीब मुर्गों की दुकानें हैं, जहां पर बिना पक्का हुआ (कच्चा) मांस बिकता है, जबकि नॉनवेज को पक्का कर बेचने वाले रेस्तरां और ढाबे इनसे 3 से 4 गुणा अधिक हैं। मुर्गों की अधिक खप्त हो जाने का मुख्य कारण यह भी है कि विवाह शादियों और पार्टियों पर मुर्गें से बने हुए व्यंजन की रिवायत आगे से बढ़ चुकी है, 65 से 70 प्रतिशत फंक्शन ऐसे होते हैं, जहां पर वेज और नॉनवेज दोनों ही परौसे जाते हैं। वहीं दूसरी ओर फंक्शनों को अरेंज करने वाले कैटर्स भी चिकन से संबंधित व्यंजनों को अधिक तरजीह देते हैं।

चिकन से बनती है अधिक वैरायटी
आमतौर पर फंक्शंस में सब्जी-भाजी की वैरायटी अधिक नहीं बन पाती, शाकाहारी व्यंजन में कैटरर्स के पास पनीर ही एक ऐसी वस्तु है, जिसकी सबसे अधिक वैरायटी बनाई जाती है, लेकिन चिकन से बनने वाली वैरायटी बहुत अधिक होती है। इनकी सबसे अधिक मांग इसलिए भी है कि 100 से अधिक व्यंजन है, जो केवल चिकन से बनाए जाते हैं। विवाह शादी और फंक्शस के कैटरर्स चिकन को इसलिए भी अधिक पसंद करते हैं कि एक ही चीज से कई वैरायटी बन जाती है, जबकि वेज व्यंजन बनाने के लिए रा -मेटेरियल बहुत अधिक लाना पड़ता है। इसी कारण चिकन की सेल बराबर बढ़ रही है, जो 5 वर्षों में डेढ़ गुणा बढ़ गई है। 

सस्ता नॉनवेज होने के कारण बढ़ रही मांग
वर्तमान समय में बाजार में कच्चे चिकन की कीमत 150 प्रति किलो है, लेकिन थोक की मंडियों में इसकी कीमत 120 से 125 रुपए प्रति किलोग्राम है मार्कीट में अक्सर उतार-चढ़ाव के चलते कई बार चिकन की कीमत इससे 25 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम तक और नीचे आ जाती हैं। बड़ी बात है कि रोस्टेड चिकन में प्याज की आवश्यकता नहीं होती, जिसकी इस समय कीमत आसमान को छू रही है। इसी कारण सस्ता होने के कारण चिकन की मांग बढ़ती जा रही है। 

शराबियों ने बढ़ा दी चिकन की टी.आर.पी
चिकन की मांग बढऩे का एक कारण शराबनोशी करने वाले लोग भी हैं, जिन्होंने चिकन को महामंडित करके इसकी टी.आर.पी. बढ़ा दी है, क्योंकि जिस फंक्शन में शराब और बीयर होगी, वहां नॉनवेज का होना जरूरी समझा जाता है। हालांकि आम रूटीन में नॉनवेज के खप्तकार बड़ी संख्या में ऐसे हैं, जो अल्कोहल का सेवन नहीं करते, लेकिन अल्कोहल का सेवन करने वाले बहुधा लोग नॉनवेज के शाकाहार की अपेक्षा अधिक शौकीन होते हैं।

कैटर्स को मिलता है अधिक मार्जन
विवाह शादियों और फंक्शन में चिकन का रिवाज इसलिए भी ज्यादा बढ़ता जा रहा है कि इसमें कैटर्स को अधिक आमदन होती है, क्योंकि शाकाहारी भोजन की प्रति प्लेट जहां होटलों में 7 सौ से लेकर एक हजार तक अथवा होटल के स्टैंडर्ड से इससे भी अधिक होती है। वहां नॉनवेज की प्लेट इससे 80 से 150 रुपए अधिक होती है, जबकि इस पर कैटर्स का खर्चा शाकाहारी भोजन की प्लेट से भी कम होता है। यही कारण है कि कैटरर्स मेजबान को चिकन के व्यंजन की अधिक तारीफें करते हैं।

Vaneet