महानगर में बढ़ा क्राइम ग्राफ,स्नैचिंग व शराब तस्करी की घटनाएं बढ़ीं

punjabkesari.in Monday, Apr 09, 2018 - 07:20 AM (IST)

जालंधर (महेश): महानगर में लगातार क्राइम ग्राफ बढ़ता जा रहा है। पिछले 100 दिनों (1 जनवरी से लेकर अब तक) में कमिश्नरेट पुलिस के अधीन आते 14 थानों में करीब 854 एफ.आर.आई. दर्ज हुई हैं, जिसमें ज्यादातर चोरी, स्नैङ्क्षचग. शराब तस्करी, दड़ा-सट्टा व सड़क हादसों के केस शामिल हैं। थाना बस्ती बावा खेल में 2 और थाना नं. 5 व थाना नं. 1 में हत्या के केस भी दर्ज हुए हैं। सबसे ज्यादा एफ.आई.आर. थाना-8 में और सबसे कम थाना कैंट में दर्ज हुई हैं। थाना बस्ती बावा खेल में दर्ज हुए भटिंडा सिंह मिट्ठू बस्ती व सर्जीकल काम्पलैक्स में जलाई गई दीप नगर निवासी युवती के मर्डर केस को पुलिस ट्रेस कर चुकी है।

इसी तरह थाना नं. 5 में जगदीश चंद्र की हत्या का मामला भी पुलिस ने सुलझा लिया था जबकि थाना-1 में करीब एक माह पहले रोहित कुमार नामक 12-13 साल के बच्चे की हुई हत्या को पुलिस अभी तक हल नहीं कर सकी है, जिस समय यह वारदात हुई थी, उस समय थाने की कमान इंस्पैक्टर रछमिन्द्र सिंह के पास थी जबकि अब पिछले 15 दिनों से थाने में कर्नाटक की साल 2016 की आई.पी.एस. महिला अधिकारी अश्विनी गुटियाल थाना प्रभारी का कामकाज देख रही हैं। उनकी पंजाब में यह पहली पोस्टिंग है। रोहित की हत्या का केस ट्रेस होना तो दूर की बात है, अभी तक तो पुलिस के हाथ हत्यारों का कोई सुराग भी नहीं लगा है। प्रवासी मजदूर का बेटा रोहित तोबड़ी मोहल्ला में रहता था और एक बुक डिपो पर बुक बाइडिंग का काम करता था। गरीब और प्रवासी परिवार से संबंधित होने के कारण भी रोहित के केस को ट्रेस करने में पुलिस अब कोई खासी दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।

सड़क हादसों के जिम्मेदार ट्रकों, बसों तथा टिप्परों के चालकों पर नहीं होती कोई ठोस कार्रवाई
ट्रकों-बसों तथा टिप्परों समेत अन्य ओवरलोड वाहनों की चपेट में आने से करीब हर रोज ही कहीं न कहीं कीमती जानें जा रही हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन हादसों के लिए जिम्मेदार आरोपी उक्त वाहन चालकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। उनके खिलाफ 304-ए व 279 समेत आई.पी.सी. की अन्य धारा के तहत केस तो दर्ज किया जाता है लेकिन हादसे से कुछ समय बाद ही उन्हें जमानत मिल जाती है, चाहे हादसा जितना मर्जी बड़ा क्यों न हो। 

पी.ए.पी. चौक में पिछले कुछ ही दिनों में 2 ट्रक के नीचे आने से 2 कीमती जानें गईं और इसी तरह 10 दिन पहले ही रामा मंडी-होशियारपुर रोड पर दोआबा कम्पनी की बस ने 5 बहनों के इकलौते भाई को कुचल दिया। ये सभी आरोपी बाद में जमानतों पर छोड़ दिए गए। इन पर किए गए केस अदालतों में जरूर लम्बा समय चलते रहते हैं।

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