मालगाड़ियां न आने से पंजाब में गेहूं व अन्य फसलों की बुआई हो सकती है प्रभावित

punjabkesari.in Monday, Nov 02, 2020 - 09:38 AM (IST)

लुधियाना (सर्बजीत): पिछले महीने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार किसानों के चल रहे संघर्ष को लेकर किसान संगठनों ने रेलवे ट्रैक रोक रखे हैं। इस कारण मालगाडिय़ां न आने के कारण पंजाब को कोयले की कमी महसूस हो रही है वहीं गेहूं की फसल बीजने के लिए खादें भी ट्रेनों में पंजाब आती हैं। पहले किसानों ने मालगाडिय़ों को पंजाब में आने की मंजूरी दे दी थी परन्तु कुछ दिन बाद ही केंद्र सरकार ने मालगाडिय़ों की पंजाब में आमद और बुकिंग तक रद्द कर दी है इसलिए ज्यादातर पंजाबियों में इस बात को लेकर रोष है कि पंजाब में किसानों को इस बार फसलों की बिजाई के लिए यूरिया और डी.ए.पी. खादों की कमी हो सकती है क्योंकि किसानों को हर साल अक्तूबर के अंत और नवम्बर के महीने फसलों की बिजाई के लिए इन खादों की जरूरत पड़ती है।

लुधियाना में यूरिया 7 फीसदी व डी.ए.पी. खाद का 71 फीसदी बचा भंडार
लुधियाना के मुख्य खेतीबाड़ी अफसर डा. नरिंद्र सिंह बैनीपाल ने बताया कि जिले में यूरिया का सिर्फ 7 फीसदी व डी.ए.पी. खाद का 71 फीसदी भंडार बचा है। उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल की बुआई नवम्बर के पहले सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है और यूरिया व डी.ए.पी. दोनों की कमी से इसकी बुआई प्रभावित हो सकती है। डा. बैनीपाल ने बताया कि जिले की सहकारी सभाओं में 47432 टन यूरिया की मांग के मुकाबले केवल 3506 टन के करीब यूरिया बचा है। इसी तरह पायल में 6772 टन की मांग के मुकाबले उपलब्धता 568 टन है। लुधियाना पश्चिमी में 7043 टन की मांग के मुताबिक 478 टन, लुधियाना पूर्वी में 5989 टन की मांग के मुकाबले 511 टन है।

रायकोट में 7452 टन की मांग के मुकाबले 320 टन, खन्ना में 2763 टन की मांग के मुकाबले 490 टन, समराला 453 टन है। इसी तरह जिले में डी.ए.पी. खाद की सप्लाई 23343 टन के मुकाबले 16343 टन है। पायल में 3592 टन की मांग के मुकाबले उपलब्धता 2478 टन है। लुधियाना पश्चिमी में 3568 की मांग के मुकाबले 1941 टन है। लुधियाना पूर्वी में 3050 टन की मांग के मुकाबले 2060 टन है। रायकोट में 2989 टन की मांग की तुलना में 1939 टन, खन्ना में 1647 टन की मांग के मुकाबले 1425 टन, समराला में 3322 टन की मांग के मुकाबले 2667 टन व जगराओं में 4943 टन की मांग की तुलना में उपलब्धता 3824 टन है। उन्होंने बताया कि अब हालात ये हैं कि प्राइवेट सैक्टर में यूरिया व डी.ए.पी. की उपलब्धता जीरो है।


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