सरकार ने वापिस लिया रियायत का फैसला, रमजान के लिए कर्फ्यू पास भी नहीं होंगे जारी

punjabkesari.in Monday, Apr 20, 2020 - 12:23 PM (IST)

पंजाब: कोरोना वायरस के कारण देश की आर्थिक व्यवस्था को भी को भी गहरी चोट पहुंची है। ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से कुछ रियायत देने का फैसला आया था। उसी को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी 20 अप्रैल से कुछ मापदंड तय कर के राज्य की सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उद्योग खोलने का फैसला लिया था। लेकिन कर्फ्यू में छूट के आदेशों की सोशल मीडिया पर जबरदस्त आलोचना के बाद सरकार ने रविवार को अपना फैसला वापस ले लिया। अब पंजाब में तीन मई तक कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी जाएगी। गृह विभाग ने शनिवार को कुछ सेक्टरों में छूट देने के आदेश जारी किए थे। मुख्यमंत्री ने देर शाम अधिकारियों के साथ बातचीत व हालातों को देखने के बाद अपने स्तर पर इन आदेशों को रद्द कर दिया। शाम को एक प्रेस बयान में मुख्यमंत्री ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि गेहूं की कटाई व खरीद के साथ विशेष औद्योगिक इकाइयों, ईंट भट्ठों व निर्माण गतिविधियों के अलावा किसी भी काम में तीन मई के बाद ढील नहीं दी जाएगी।

लुधियाना, कपूरथला, अमृतसर के डीसी ने भी फैसला लिया वापिस 
गृह विभाग के निर्देशों पर लुधियाना, कपूरथला व रूपनगर के डिप्टी कमिश्नरों ने आदेश भी जारी कर दिए थे, लेकिन रविवार शाम को रूपनगर व लुधियाना ने इन्हें वापस ले लिया। अन्य 19 जिलों के डीसी ने वेट एंड वॉच वाली स्थिति अपनाए रखी। सरकार और ब्यूरोक्रेसी में तालमेल की भारी कमी दिखी, जिससे उद्योगपति व कारोबारी भी दुविधा में रहे। पंखे, कूलर-एसी, उन्हें रिपेयर करने की दुकानें, स्टेशनरी की दुकानें व इंडस्ट्री अब नहीं खुलेगी। जिस इंडस्ट्री व कंस्ट्रक्शन के काम को पहले से छूट दी हुई है, वही चलेंगी। मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को आदेश दिए कि दुकानों पर भीड़ एकत्रित न होने को यकीनी बनाने के अलावा शारीरिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन करवाया जाए।

रमजान के लिए नहीं जारी होंगे कर्फ्यू पास 
सीएम ने कहा कि इस हफ्ते शुरू हो रहे रमजान के दौरान किसी भी किस्म की ढील या छूट न दी जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि रमजान के लिए लोगों को कोई भी विशेष कर्फ्यू पास जारी नहीं किए जाएंगे। गौरतलब है कि पंजाब में कोरोना मरीज़ों का आंकड़ा 244 हो गया है जबकि 16 लोगों की मौत हो चुकी है।  

Author

Riya bawa