ICP अटारी बार्डर: कस्टम ने ठुकराया ज्यूट बैग्स में अफगानी प्याज भेजने का प्रस्ताव

punjabkesari.in Monday, Nov 09, 2020 - 02:05 PM (IST)

अमृतसर(नीरज): आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर एक बार फिर से कस्टम विभाग ने अफगानी प्याज को ज्यूट बैग्स में भेजने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और स्पष्ट कर दिया है कि अफगानिस्तान से आने वाले प्याज को सिर्फ प्लॉस्टिक के ट्रांसपेरेंट बैग्स में ही स्वीकार किया जाएगा। जानकारी के अनुसार भारत में प्याज की किल्लत होने के चलते आई.सी.पी. अटारी बार्डर के रास्ते अफगानी प्याज का आयात पिछले महीने अक्तूबर के महीने में शुरू किया गया था, जिसमें कुछ दिनों के लिए अफगानी प्याज को ज्यूट बैग्स में भेजा गया, लेकिन बाद में कस्टम विभाग ने इसको लेने से मनाकर दिया और ट्रांसपेरैंट बैग्स में ही प्याज भेजने के लिए कहा। इसके बाद अब फिर से सी.डब्ल्यू.सी. ने ज्यूट बैग्स का प्रयोग करने के लिए सिफारिश की थी, लेकिन इसको मनाकर दिया गया, क्योंकि ज्यूट बैग्स में हैरोइन की तस्करी होने की संभावना बनी रहती है। इस कार्रवाई में कस्टम विभाग ने अभी तक 20 से ज्यादा अफगानी प्याज के ट्रकों की पलटी भी करवा दी है और ज्यूट बैग्स से प्याज निकालकर प्लॉस्टिक की ट्रांसपेंरेंट बोरियों में भरा गया है।


अफगानी सेब में ही कस्टम ने पकड़ा था 33 किलो सोना
आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर कस्टम विभाग अफगानिस्तान से आने वाले प्याज व हर प्रकार के सामान पर इसलिए पैनी नजर रखता है, क्योंकि पाकिस्तानी तस्कर किसी न किसी रूप में हैरोइन या अन्य नशीले पदार्थों की स्मगलिंग करने का प्रयास करते रहते हैं। पिछले वर्ष अफगानी सेब की पेटियों में ही कस्टम विभाग की टीम ने 33 किलो सोना जब्त किया था, जिसका मास्टरमाइंड रामनिवास मुहर कोफेपूसा एक्ट लगने के बावजूद अभी तक गिरफ्तार नहीं हो पाया है। अफगानिस्तान से आयात किए जाने वाले अखरोट में भी कस्टम विभाग ने धांधली पकड़ी थी, क्योंकि अफगानिस्तान का मार्का लगाकर अमेरिकन अखरोट को आई.सी.पी. अटारी भेजा गया था, इस मामले की अभी तक जांच जारी है।


सज्जीखार के ज्यूट बैग्स में छिपाई गई थी हैरोइन की खेप
प्याज व इसको ज्यूट बैग्स में पैकिंग करने का मामला इसलिए ’यादा संवेदनशील है, क्योंकि जून 2019 के बाद जब आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर पाकिस्तान से आए नमक की खेप से 532 किलो हैरोइन व 52 किलो मिक्सड नॉर्कोटिक्स पकड़ा गया तो इस दौरान सज्जीखार जिसको ज्यूट बैह्स में भरा हुआ था। इसकी एक खेप दिल्ली व मुंबई क्राइम ब्रांच ने जब्त की। इस केस में सुरक्षा एजैंसियों को जानकारी मिली की पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी ने भारत में हैरोइन की सप्लाई करने के लिए नया पैंतरा बदला है। हैरोइन की खेप को तरल पदार्थ में बनाकर इसको ’यूट बैग्स में भिगो दिया जाता है और जब यह बैग्स तस्करों तक पहुंच जाते हैं तो एक कैमिकल में इस ’यूट बैग्स को डुबाया जाता है और उसमें से हैरोइन की परत जो बैग्स में छिपाई गई होती है वह उभरकर बाहर आ जाती है, हालांकि आई.एस.आई. की इस साजिश को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने विफल कर दिया और मुंबई पोर्ट पर पड़ी सज्जीखार से भरी ज्यूट बैग्स को भी जब्त कर लिया। 


अमृतसर से की जा रही है दिल्ली व जम्मू-कश्मीर में प्याज की सप्लाई
नासिक (महाराष्ट्र) में प्याज की फसल खराब होने के बाद पूरे देश में प्याज की सप्लाई पर इसका असर पड़ा और प्याज के दाम सौ रुपए किलो तक भी पहुंच गए, लेकिन अफगानिस्तान से प्याज के आयात ने प्याज के दामों को कंट्रोल कर लिया है। इस समय आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर अफगानिस्तान से आने वाले प्याज को पूरे पंजाब, दिल्ली व जम्मू-कश्मीर में सप्लाई किया जा रहा है। स्थानीय वल्ला सब्जी मंडी में भी रोजाना अफगानी प्याज के पांच से सात ट्रकों की खप्त हो रही है, क्योंकि नासिक व किसी अन्य रा’य के प्याज की अभी तक आमद नहीं हो रही है। अफगानी प्याज थोक भाव में 30 से 35 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है और रिटेल में इसके दाम 40 से 45 रुपए प्रति किलो तक चल रहे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ और दिनों तक अफगानी प्याज की आमद रहेगी और दीवाली के बाद अफगानी प्याज की आमद बंद हो जाएगी क्योंकि राजस्थान के प्याज की आमद शुरु होने वाली है।


स्वाद और साइज में भी ठीक नहीं है अफगानी प्याज
आई.सी.पी. अटारी बार्डर के रास्ते अफगानिस्तान से आयात किए जाने वाले प्याज की बात करें तो यह प्याज स्वाद और साइज में भी ठीक नहीं है यही कारण है कि अफगानी प्याज को इतना पसन्द नहीं किया जाता है। इसका साइज भी नासिक के प्याज की तुलना में काफी बड़ा है। कुछ प्याज तो आधा किलो व इससे भी ’यादा वजन के होते हैं। इसका स्वाद पूरी तरह से फीका है, लेकिन होटलों व रैस्टोरैंट्स में इसका प्रयोग किया जा रहा है, क्योंकि लोकल प्याज की किल्लत है।

वापस भेजे 40 ट्रक
अफगानी प्याज के आयात के मामले में सी.डब्ल्यू.सी. की अव्यवस्था भी सामने आ रही है। शनिवार को अफगानिस्तान से आए 40 ट्रक इसलिए वापस भेज दिए गए, क्योंकि इन ट्रकों में लदे माल को आई.सी.पी. पर रखने के लिए स्थान नहीं था। इससे विभाग को तो कोई नुक्सान नहीं होता है, लेकिन व्यापारी को नुक्सान होता है हालांकि केन्द्रीय वाणि’य मंत्रालय ने कस्टम विभाग को स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि अफगानिस्तान से आने वाले प्याज के ट्रकों को जल्द से जल्द क्लीयर किया जाए, क्योंकि केन्द्र सरकार को पता है कि यदि अफगानिस्तान का प्याज न आता तो भारत में प्याज के दाम आसमान छूने थे और इससे सरकार की ही किरकिरी होती। 


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