मशीन में हाथ आने से कटा अंगूठा,मामला दबाने के लिए फैक्टरी मालिक ने बनाए रखा बंधक
punjabkesari.in Sunday, Nov 05, 2017 - 11:30 AM (IST)

लुधियाना (महेश): बस्ती जोधेवाल में एक फैक्टरी मालिक की धक्केशाही की शिकार हुई एक पीड़ित महिला व उसके पति ने पुलिस कमिश्नर से पास इंसाफ की गुहार लगाई है। महिला का आरोप है कि उसको चोट लगने पर फैक्टरी मालिक ने उनके साथ जनवरों जैसा सलूक किया।
मामला दबाने के लिए उसे व उसके पति को 2 सप्ताह तक फैक्टरी में बंधक बनाकर रखा और फिर डरा-धमकाकर गांव जाने के लिए ट्रेन में बिठा दिया। जिसके बाद किसी तरह से वह पुलिस के पास पहुंचे। मूल रूप से उतर प्रदेश की रहने वाली पीड़ितकविता ने बताया कि वह और उसका पति नरेश एक साथ काली सड़क पर ट्यूबलर की एक फैक्टरी में काम करते हैं। 16 अक्तूबर की शाम को काम करते वक्त रेजिंग मशीन की चपेट में आने से उसका दायां अंगूठा कट कर हाथ से अलग हो गया।
फैक्टरी मालिक ने पहले तो उसे ठेकेदार के साथ इलाज के लिए दयानंद अस्पताल भेजा। परंतु जब डाक्टरों ने इलाज पर डेढ़ लाख रुपए का खर्च बताया तो मालिक के कहने पर ठेकेदार उसका बिना उपचार करवाए करवाए वापस फैक्टरी ले आया।
उसका आरोप है कि फैक्टरी पहुंचे ही उनका मोबाइल छीन लिया औरएक कमरे में उसे व उसके पति को बंधक बना लिया गया। किसी से मिलने और बातचीत करने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई। कविता ने रेल की टिकट दिखाते हुए कहा कि इसके बाद मालिक ने उन्हें गांव भेजने के लिए रेलवे की टिकट कटवा कर शुक्रवार को जबरन ट्रेन में बिठा दिया। उन्हें यह प्रोलोभन भी दिया गया कि ठीक होने के बाद जब वह वापस आएगी तो उन्हें फिर से काम पर रख लिया जाएगा।
इसी दौरान उसके पति नरेश ने अपने रिश्तेदार से बात की और उसे आप बीती सुनाई। इसके बाद वह साहनेवाल रेलवे स्टेशन पर उतर गए और वापस लुधियाना पहुंचे। यहां आकर उन्होंने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई और पुलिस ने उसका व उसके पति का सिविल अस्पताल में मैडीकल करवाया।
नरेश ने बताया कि वह और उसकी पत्नी पिछले 6 माह से इस फैक्टरी में लेबर का काम करते आ रहे थे। उसे इस बात की उम्मीद नहीं थी कि हादसा होने पर फैक्टरी मालिक उनके हाथ जानवरों जैसा सलूक करेगा। उसका आरोप है कि अभी भी फैक्टरी मालिक उन्हें अलग-अगल माध्यमों से उन्हें डरा-धमका रहा है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। फैक्टरी मालिक का पक्ष जानने के लिए उसे बुलाया गया है। वहीं दूसरी तरफ तमाम कोशिशों के बावजूद फैक्टरी मालिक का पक्ष नहीं जाना जा सका।