दलीप कौर टिवाणा का देहांत, मोहाली में ली आखिरी सांसें

punjabkesari.in Friday, Jan 31, 2020 - 04:48 PM (IST)

मोहालीः प्रसिद्ध पंजाबी लेखिका और अनेक साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित दलीप कौर टिवाणा आज यहां एक प्राईवेट अस्पताल में निधन हो गया। टिवाणा 84 वर्ष की थी और बीमार होने के कारण गत कई दिनों से यहां एक प्राईवेट अस्पताल में उपचाराधीन थीं। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को पटियाला में राजपुरा रोड स्थित बीर जी श्मशानघाट में दोपहर 12 बजे किया जाएगा। उन्होंने अपने उपन्यासों और लघु कहानियों से पंजाबी साहित्य में बहुमूल्य योगदान दिया जिसके लिए उन्हें पद्मश्री और साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। 

इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने टिवाणा के निधन पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि टिवाणा का निधन साहित्यिक क्षेत्र के लिए एक अपूरणीय क्षति हुई है। राज्य के उच्च शिक्षा एवं भाषा विभाग के मंत्री तृपत बाजवा ने भी टिवाणा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी हार्दिक समवेदना व्यक्त करते ईश्वर से उसे इस क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने तथा दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की। टिवाणा वर्ष 2015 में उस समय भी सुर्खियों में आई जब उन्होंने 1984 के सिख दंगे और मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा के विरोध में पद्मश्री सम्मान लौटा दिया था। उनका जन्म चार मई 1935 को लुधियाना जिले के ऊची रबों गांव में हुआ था। 

उन्होंने पटियाला के सरकारी महिंदरा कॉलेज में उच्च शिक्षा हासिल की। उनके पति प्रोफेसर भूपिंदर सिंह पटियाला की पंजाबी विश्वविद्याालय में समाज विभाग में प्रोफेसर थे और बेटे इंजीनियर सिमरनजीत सिंह इसी विश्वविद्यालय के ही इंजीनियरिंग कॉलेज में सेवारत हैं। टिवाणा पंजाबी विश्वविद्याालय की स्थापना के समय से ही पंजाबी विभाग में प्रोफेसर रहीं। वह विभाग की प्रमुख और बाद में डीन भी रहीं। उनकी रचनाएं अनेक भाषाओं में अनुदित हुईं और सराही गईं। उनकी कुछ रचनाओं पर फिल्में भी बनीं। उन्होंने 42 उपन्यास, पांच कहानी संग्रह, चार स्वजीवनी आत्मिक पुस्तकें, रेखा चित्रों के संग्रह समेत अनेक रचनाएं पंजाबी साहित्य जगत की झोली में डालीं। 

Mohit