कांग्रेस सरकार जवाब दे, मोगा पुलिस फायरिंग केस के मुख्य गवाह ने हाईकोर्ट से सुरक्षा क्यों मांगी:डॉ. चीमा

punjabkesari.in Saturday, Jan 25, 2020 - 11:30 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): शिरोमणि अकाली दल ने आज बहिबलकलां पुलिस फायरिंग केस के मुख्य गवाह तथा पूर्व सरपंच के परिवार का अपमान करने के लिए राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ तथा मुख्यमंत्री के सलाहकार कुशलदीप सिंह ढिल्लों की सख्त निंदा की है। इसके साथ ही पार्टी ने कांग्रेस सरकार से जवाब मांगा है कि मोगा पुलिस फायरिंग के एक गवाह ने सुरक्षा के लिए अब हाईकोर्ट तक क्यों पहुंच की है? 

पूर्व मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी से संबंधित पुलिस फायरिंग के 2 अलग-अलग केसों में कांग्रेसियों पर एक गवाह को मौत के मुंह में धकेलने तथा दूसरे को खरीदने की कोशिश करने के दोष लग रहे हैं।  उन्होंने कहा कि बहिबलकलां सरपंच का परिवार पहले ही कांगड़ तथा ढिल्लों को दोषी ठहरा चुका है। अब मोगा पुलिस फायरिंग केस के मुख्य गवाह ने एक याचिका में दावा किया है कि उसे प्रलोभन देने के लिए 2 लाख के चैक की पेशकश की गई थी। इस गवाह ने अपनी जान के खतरे का दावा बताया है, क्योंकि उसे धमकाने वालों के पास सरकारी सुरक्षा है। 

डॉ. चीमा ने कहा कि कोटकपूरा में बहिबलकलां के पूर्व सरपंच सुरजीत सिंह के गांव उसकी अंतिम संस्कार में भाग लेने की बजाय कांग्रेसी नेताओं गुरप्रीत  कांगड़ तथा कुशलदीप ढिल्लों ने सुरजीत सिंह की पत्नी को बदनाम करने के उद्देश्य से यहां एक संवाददाता सम्मेलन रखा था, क्योंकि उसने दोनों कांग्रेसी नेताओं को अपने पति की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था। 

डॉ. चीमा ने कहा कि वह अच्छी तरह जानते हैं कि उनके खिलाफ अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने नहीं, बल्कि पूर्व सरपंच की पत्नी तथा बेटे ने दोष लगाए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि सुरजीत सिंह को मानसिक तथा शारीरिक कष्ट देने में कांगड़ तथा ढिल्लों भी शामिल थे। अकाली नेता ने कांगड़ को इस बात का जवाब देने के लिए कहा कि क्या उस द्वारा दिए बयान कि जब छापा मारा था तो वह बिजली मंत्री नहीं था, का अर्थ यह है कि सुरजीत के घर छापा मरवाने के पीछे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह का हाथ था? डॉ. चीमा ने कहा कि पंजाब जानना चाहता है कि कांगड़ तथा ढिल्लों ने बहिबलकलां फायरिंग केस के अकेले गवाह को धमकाया क्यों था? यह दोष सुरजीत की पत्नी जसबीर ने लगाया है, जिसने एक अन्य कांग्रेसी हीरा सोढी की सराहना की है, इसीलिए उसके बयान पर शक करने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। डॉ. चीमा ने कहा कि यदि इस मामले में कांगड़ तथा ढिल्लों जांच के लिए तैयार हैं तो उन्हे जसबीर कौर द्वारा लगाए दोषों की सी.बी.आई. जांच करवाने के लिए मुख्यमंत्री को लिखित रूप में देना चाहिए। 

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