पंजाब में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा,अब नहीं सुधरे तो हालात होंगे खराब

punjabkesari.in Saturday, Apr 11, 2020 - 12:22 PM (IST)

लुधियानाःपंजाब और लुधियाना में एक के बाद एक कोरोना से संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि अधिकतर संक्रमण पीड़ितों की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। वेएक-दूसरे के संपर्क में आने से इस वायरस की चपेट में आए हैं। लुधियाना में कुछ ऐसे हॉट स्पाट हैं, जहां से मामले लगातार मिल रहे हैं। इनमें अमरपुरा और जगराओं का चौंकीमान इलाका शामिल है। इन दोनों इलाकों से ही कोरोना पॉजिटिव के 6  मामले आ चुके हैं। इसके बावजूद लोग मोहल्लों व सड़कों में बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ता जा रहा है। अगर इस महामारी को हराना है तो लोगों का घरों में रहना बहुत जरूरी है।

 लुधियाना में ऐसे आए मामले सामने

बता दें कि अमरपुरा में पहला मामला 30 मार्च को आया था। तब 42 वर्षीय महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। उसकी बाद में मौत हो गई। उस महिला की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी। इसी  इलाके में कोरोना पॉजिटिव का दूसरा मामला आया। यह कोरोना से दम तोड़ने वाली महिला की 72 वर्षीय पड़ोसन थी।  फिर 9 अप्रैल को अमरपुरा की 42 वर्षीय महिला का छोटा बेटा भी अब पॉजिटिव आया है। दूसरी तरफ जगराओं के चौंकीमान के सूहिया रोड का रहने वाला 55 वर्षीय जमाती छह अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। आठ अप्रैल को उसी का चौंकीमान निवासी 15 साल का भतीजा संक्रमित पाया गया।  अब बाकी सदस्यों के भी सैंपल लिए गए हैं। वहीं 9 अप्रैल को चौंकीमान से करीब 15 किलोमीटर दूर रामगढ़ भुल्लर का 30 वर्षीय मौलवी भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया। उसके परिवार को भी आइसोलेट किया गया है। कार्डियोलाजिस्ट डॉ. कुलवंत सिंह के अनुसार जब अचानक से एक ही जगह पर एक ही बीमारी के बहुत सारे मरीज मिलने शुरू हो जाएं या एक समय में बहुत ज्यादा लोग संक्रमित  हो जाएं तो उसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन कहते हैं। फिलहाल लुधियाना में अभी ऐसी स्थिति नहीं है, लेकिन इसका खतरा अवश्य है।  अगर किसी एरिया में लगातार कोरोना पॉजिटिव केस आ रहे हों तो उस पूरे इलाके को सील कर ज्यादा से ज्यादा लोगों की स्‍क्रीनिंग व टैस्टिंग बढ़ा देनी चाहिए। स्‍क्रीनिंग के तहत उस एरिया के लोगों की बीमारियों की पड़ताल करनी चाहिए ।

 भीड़ में जाने से बचें, खांसते व छींकते वक्त रूमाल रखें

आइ.एम.ए. लुधियाना के अध्यक्ष व क्रिटकल केयर के माहिर डॉ. सुनील कत्याल कहते हैं कि कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से के जरिए फैलते हैं। जिसे ड्राप लेटइंफेक्शन भी कहते हैं। छींक मारने पर गिरने वाले हैवी पार्टिकल दो से चार फुट तक रह जाते हैं। अगर लाइट पार्टिकल है, तो यह 10 से 12 फीट तक जा सकते हैं। जैसे अगर किसीकोरोना पॉजिटिव ने खांसी की, तो लाइट ड्रापलेट दूर खड़े होने वाले व्यक्ति तक भी पहुंच जाते हैं। इसलिए कहा गया है कि भीड़ एकत्रित करके न खड़े हों, दूरी बनाकर रखें और किसीभी चीज को न छुएं जिससे पार्टिकल उन तक न पहुंच सके। जो लोग घरों में रहते हैं, उन्हें कहा जाता है कि अगर कमरे में बैठने के दौरान खांसते या छींकते हैं, तो मुंह पर रूमाल जरूर रखें या फिर मास्क पहन कर रखें।

 


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swetha

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