UK की जेल में बंद जाबीर मोतीवाला का दावा, पाकिस्तान में शरण लिए बैठा है दाऊद इब्राहिम

punjabkesari.in Sunday, Jul 07, 2019 - 03:34 PM (IST)

गुरदासपुर (विनोद): दाऊद इब्राहिम इस समय पाकिस्तान के शहर कराची में रह रहा है। यह दावा दाऊद का दाया हाथ समझे जाने वाले उसके नजदीकी साथी जाबीर मोतीवाला ने यू.के. सरकार को पूछताछ में किया है। उसे यू.के. पुलिस ने मनी लांड्रिंग केस में 17 अगस्त, 2018 को गिरफ्तार किया था। जाबीर मोतीवाला कराची में दाऊद इब्राहिम के बंगले के साथ वाले बंगले में रहता था तथा दोनों ही परिवारों के बीच अच्छे संबंध हैं। कहा जा रहा है कि जाबीर पाकिस्तान का बहुत ही ताकतवार व्यक्ति है तथा वह दाऊद की डी-कम्पनी का कामकाज देखता था। दाऊद का वह सबसे विश्वास पात्र माना जाता है। जाबीर जब यू.के. में रह रहा था तो वह वहां की गुप्तचर एजैंसी की नजरों में आ गया।

छुप कर कराची में रहता है दाऊद इब्राहिम 
शक के आधार पर उसका मोबाइल तथा टैलीफोन टैप कर उसकी गतिविधियों पर नजर रखी गई। उसका दाऊद इब्राहिम से लगातार सम्पर्क बने रहना तथा प्रतिदिन बातचीत होने पर जब गहनता से जांच की गई तो पता चला कि वह दाऊद इब्राहिम तथा पाकिस्तान सरकार के बीच एक कड़ी का काम करता है। दाऊद इस समय छुप कर कराची में रहता है और उसके सारे काम जाबीर मोतीवाला ही देखता था। दाऊद का मनी लांड्रिंग का कारोबार भी जाबीर ही देखता था। जाबीर का पाकिस्तान के कई अन्य आतंकवादी संगठनों से भी सीधा सम्पर्क था। जाबीर ने पूछताछ में स्वीकार किया कि जैसा कि पूरे विश्व में यह शोर मचा हुआ है कि दाऊद इब्राहिम बीमार रहता है तथा उसकी तबीयत ठीक नहीं है, वह पूरी तरह से गलत है। दाऊद द्वारा ही यह सारा प्रोपेगंडा चलाया जा रहा है, जबकि वह पूरी तरह से स्वस्थ है और पाकिस्तान में रीयल एस्टेट का कारोबार चला रहा है। 

जाबीर की मदद के लिए पाकिस्तान सरकार आई आगे
वहीं भारतीय गुप्तचर एजैंसियों ने अपने स्तर पर पता किया है कि जाबीर डी-कम्पनी का सारा नैटवर्क संभालता था। जाबीर के पास अमरीका का 10 साल का वीजा है जो वर्ष 2028 तक मान्य है। उसने कुछ माह पहले दुबई की एक कम्पनी को 2 लाख डॉलर दिए थे, ताकि उसे किसी अन्य देश की नागरिकता मिल सके। वहीं सूत्र बताते हैं कि जाबीर की मदद के लिए पाकिस्तान सरकार आगे आई तथा यू.के. में पाकिस्तानी हाई कमिश्नर ने यू.के. की कोर्ट में एक पत्र देकर उसको पाकिस्तान का एक सम्मानजनक नागरिक तथा व्यापारी बताया है। पत्र में यह भी लिखा है कि जाबीर का दाऊद की डी-कम्पनी से कोई संबंध नहीं है।

पाकिस्तान सरकार को है इस बात का डर
वहीं पाकिस्तान सरकार को अब यह डर सता रहा है कि जिस तरह से अमरीका ने जाबीर को अमरीका लाने की कोशिश शुरू कर दी है, यदि उसने दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान सरकार से मिल रहे सहयोग की बात सार्वजनिक कर दी तो पाकिस्तान के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि पाकिस्तान कहता आ रहा है कि दाऊद पाकिस्तान में नहीं है। जाबीर पाकिस्तान में नशों का अवैध धंधा भी पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. की मदद से करता था तथा पाकिस्तान में जितनी भी भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अधिकारियों की उच्च स्तरीय मीटिंग होती थी, उसमें दाऊद के प्रतिनिधि के रूप में जाबीर शामिल होता था। 

सूत्रों के अनुसार जब से जाबीर को पता चला है कि उसे अमरीका सरकार के हवाले किया जा सकता है तो उसने तब से 3 बार जेल में ही आत्महत्या करने की कोशिश की है तथा खुद को डिपोर्ट करने के लिए वह अनफिट घोषित करवाने की कोशिश कर रहा है। वर्णनीय है कि दाऊद इब्राहिम वर्ष 1993 में मुम्बई में हुए बम धमाकों में शामिल है तथा उसने ही बम धमाकों की साजिश रची थी, इसलिए वह भारत सरकार के लिए मोस्ट वांटेड अपराधी है।

Mohit