गर्भवती महिला की इलाज में लापरवाही के चलते हुई मौत, कंज्यूमर कोर्ट ने सुनाया यह फैसला

punjabkesari.in Wednesday, Oct 06, 2021 - 09:58 AM (IST)

जालंधर (विशेष): जालंधर के कंज्यूमर कोर्ट ने इलाज के दौरान लापरवाही के चलते हुई महिला की मौत के मामले में रामा मंडी के गुडविल अस्पताल को 5 लाख रुपए जुर्माने के साथ-साथ मुकद्दमे के खर्च 50000 रुपए अदा करने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता जालंधर कैंट निवासी गगन ने कंज्यूमर कोर्ट मे दायर की गई अपनी शिकायत में कहा था कि उसकी गर्भवती पत्नी बबिता को 28 सितंबर 2017 को गुडविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बबिता ने अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने उनसे कहा कि बबिता अथवा उसके बच्चे में से किसी एक की जान बचाई जा सकती है। बबिता को सर्जरी के लिए शाम 6.30 बजे आप्रेशन थिएटर में ले जाया गया था। उसे इलाज के दौरान डाक्टर ने आक्सीटोसिन के इंजैक्शन नहीं दिए थे। इस वजह से बबिता के यूट्रेस में परेशानी आ गई और उनके यूट्रेस से ज्यादा खून बहने के कारण उनकी हालत बिगड़ गई। बबिता की हालत बिगड़ने के बाद उसे अपोलो अस्पताल में रैफर करने की सलाह दी गई। इसके बाद 29 सितंबर 2017 को उसे एस.पी.एस. अस्पताल लुधियाना में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। 

याचिकाकर्ता ने अपने वकील जतिंद्र अरोड़ा के माध्यम से अस्पताल की इस लापरवाही के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में मामला दर्ज करवाया था। मामले की सुनवाई के दौरान अस्पताल ने अपनी तरफ से इलाज में किसी तरह की लापरवाही न होने का तर्क दिया पर कंज्यूमर कोर्ट अस्पताल के तर्कों से सहमत नहीं हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने इसी तरह की लापरवाही को लेकर अतीत में आए सुप्रीम कोर्ट और स्टेट कंज्यूमर फोरम के फैसलों का हवाला दिया। याचिकाकर्ता के वकील के तर्कों के साथ सहमति जताते हुए माननीय अदालत ने अस्पताल को इलाज में लापरवाही का दोषी पाते हुए 5 लाख रुपए जुर्माना अदा करने आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अस्पताल को 45 दिन के अंदर याचिकाकर्ता को इस मामले की कानूनी लड़ाई पर खर्च हुए 50000 रुपए भी अदा करने होंगे।

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Content Writer

Sunita sarangal

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