मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या का मामला, आरोपियों की जमानत याचिका पर फैसला अब 1 दिसम्बर को

punjabkesari.in Friday, Nov 27, 2020 - 09:43 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): जिले के टांडा कस्बे के साथ लगते एक गांव में 21 अक्तूबर को 6 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद जलाकर हत्या कर करने के आरोप में आरोपी पोता सुरप्रीत सिंह पुत्र दिलविन्द्र सिंह और दादा सुरजीत सिंह पुत्र काका सिंह की तरफ से दायर जमानत याचिका पर आज शुक्रवार को अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश नीलम अरोड़ा की अदालत में हुई। अदालत में दोनों ही पक्ष की सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने आरोपियों की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख अगली सुनवाई अब 1 दिसम्बर दिन मंगलवार मुकर्रर की है। 

आरोपियों के वकील ने कहा. आरोपी दादा का वारदात में कोई हाथ नहीं
गौरतलब है कि आरोपियों की तरफ से इस मामले की अदालत में पैरवी कर रहे वकील एडवोकेट एपीएस मठोन ने दलील पेश किया कि इस मामले में आरोपी दादा सुरजीत सिंह की कोई भूमिका नहीं है वहीं मुख्य आरोपी सुरप्रीत सिंह मानसिक तौर पर बीमार चल रहा है व इस समय भी उसका इलाज अमृतसर अस्पताल में चल रही है। यही नहीं. आरोपी दादा का इस वारदात में कोई हाथ नहीं है अत: अदालत से गुजारिश है कि दोनों ही आरोपियों दादा सुरजीत सिंह व पोता सुरप्रीत सिंह को जमानत दे दी जाए।

आरोपी दादा ने साजिश के तहत शव को जलाने में दिया है साथ
आरोपियों के वकील की तरफ से पेश दलील पर पीड़ित पक्ष की तरफ से अदालत में इस बहुचर्चित मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट नवीन जैरथ ने अदालत के समक्ष दलील पेश करते हुए कहा कि मानवता को शर्मसार करने वाली इस वारदात में दादा व पोता दोनों ही शामिल है। दुष्कर्म की सिखार मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी के पश्चात शव को साजिश के तहत जलाने व नष्ट करने में आरोपी सुरजीत सिंह ने सहयोग किया है। दूसरी बात मुख्य आरोपी सुरप्रीत सिंह यदि मानसिक तौर पर बीमार चल रहा है तो गिरफ्तारी व रिमांड के समय क्यों नहीं बताया गया। एडवोकेट जैरथ ने अदालत के समक्ष दलील दिया कि पीड़ित पक्ष बाहरी प्रदेश से संबंधित है। ऐसे में यदि आरोपियों को जमानत मिल गई तो आरोपी पीड़ित परिवार को डरा व धमका सकता है।

पीड़ित परिवार ने कहा, अदालत से हमें जरूर मिलेगा न्याय
पीड़ित परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को कहा कि हम सभी को कानून पर पूरा भरोसा है। आरोपियों ने जिस तरह जघन्य अपराध किया है उससे हमें घोर मानसिक पीड़ा पहुंची है। हमें अदालत से जरूर न्याय मिलेगा। परिवारिक सदस्यों के अनुसार उनके दिल को तभी सुकून मिलेगा जब दोनों ही आरोपी दरिंदों को फांसी की सजा मिलेगी। अदालत जल्द से जल्द इन्हें फांसी की सजा सुनाए।


 

Mohit