दलित छात्रवृत्ति राशि घोटाले में मंत्री के इस्तीफे की मांग

punjabkesari.in Wednesday, Dec 25, 2019 - 07:18 PM (IST)

चंडीगढ़ः शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने आज दलित छात्रों की छात्रवृत्ति राशि में घोटाला करने के लिए समाज कल्याण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के इस्तीफे की मांग की है। शिअद के वरिष्ठ नेता पवन कुमार टीनू ने आज यहां कहा कि धर्मसोत ने विभाग के अधिकारियों के साथ सांठगांठ करके प्राईवेट कॉलेजों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए दलित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति राशि में बड़ी हेराफेरी की है तथा दलित छात्रों को छात्रवृत्ति से वंचित रखा है। पार्टी ने इस मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच की भी मांग की है।

टीनू ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति फंडों से हुए करोड़ों रूपए के घोटाले के केस में मंत्री खुद को बचाने के लिए सारी जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों पर डालने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह की हेराफेरी ऊपर वालों की भागीदारी के बिना नहीं की जा सकती। दलित छात्रों का पैसा चोरी करने जैसा घिनौना अपराध करने के लिए धर्मसोत के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए। घोटाले के साथ जुड़ी सभी कड़ियों का पर्दाफाश करने के लिए इस केस की केंद्रीय सतर्कता आयोग से जांच करवानी चाहिए।

अकाली नेता ने कहा कि प्राईवेट कॉलेजों को दलित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति राशि देने संबधी विसंगतियों का पिटारा खुलने के बाद समाज कल्याण विभाग के एक डिप्टी डायरेक्टर को निलंबित करके इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई है। एक अधिकारी विभाग के मंत्री तथा वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी के बिना इतनी बड़ी हेराफेरी नहीं कर सकता। इस अधिकारी ने 72 करोड़ रूपए की छात्रवृत्ति राशि जारी नहीं की थी तथा मनमाने ढ़ंग से इन फंडों का दुरूपयोग करके दलित छात्रों की पढ़ाई को भारी क्षति पहुंचाई थी।

उन्होंने कहा कि अकाली दल पिछले साल से दलित छात्रों को छात्रवृत्ति न देने का मामला उठाता आ रहा है। यह बात भी सामने आई है कि छात्रवृत्ति राशि में की हेराफेरी का पैसा प्राईवेट संस्थानों से निकलवाने की बजाय अधिकारियों ने इन संस्थानों के साथ सांठगांठ करके उनकी छात्रवृत्ति का बकाया भी जारी कर दिया था। कुछ संस्थानों को लाभ पहुंचाने के लिए वित्त विभाग की आडिट रिपोर्टों के साथ छेड़छाड़ की गई थी तथा दलित छात्रों को छात्रवृत्ति राशि देने के लिए इंतजार करवाया गया था। पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति राशि जारी करने में की देरी के कारण लाखों ही दलित छात्रों को अपनी पढ़ाई बीच में छोडऩी पड़ी थी, क्योंकि वह अगली पढ़ाई के लिए कॉलेजों में दाखिले नही ले पाए थे।

Mohit