पंजाब में मंडराने लगा डेंगू का खतरा, सामने आ रहे मरीज

punjabkesari.in Saturday, Aug 18, 2018 - 10:16 AM (IST)

लुधियाना (सहगल): गत वर्षों की तरह इस बार भी राज्य में डेंगू का खतरा मंडराने लगा है। लगातार हो रही बारिश से माहिरों ने पहले ही सावधान रहने की चेतावनी दे दी है। अब तक राज्य के सेहत विभाग ने विभिन्न जिलों से 94 डेंगू के मामलों की पुष्टि कर दी है, जबकि लुधियाना में सामने आए 50 के करीब मामलों को सेहत विभाग ने संदिग्ध मरीजों की श्रेणी में रखा है। सेहत विभाग की टीमों को सर्वे के दौरान जगह-जगह पर रुके पानी में डेंगू का लारवा मिल रहा है परंतु निरंतर वर्षा से टीमों का हर जगह पहुंच पाना भी मुमकिन नहीं है। डेंगू म‘छर का लारवा मिलने से यह संकेत मिलता है कि डेंगू का सीजन शुरू हो गया है और डेंगू ज्वर फैलने का खतरा बरकरार है। जिला मलेरिया अफसर डा. रमेश के अनुसार उनकी टीमें जगह-जगह सर्वे कर मच्छर का लारवा नष्ट कर रही हैं और लोगों को डेंगू से बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।

सरकारी अस्पतालों में नहीं बने डेंगू कॉर्नर और न ही लगाए बोर्ड  
राज्य की स्वास्थ्य निदेशक डा. जसपाल कौर ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर सरकारी अस्पतालों में डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया के संभावित मरीजों के मद्देनजर फीवर कॉर्नर बनाने को कहा था। 2 अगस्त को लिखे पत्र के बाद अभी तक किसी भी अस्पताल में फीवर कॉर्नर नहीं बनाए गए और न ही निर्देशों के अनुसार अस्पतालों में डिस्स्ले बोर्ड लगाकर डेंगू के नि:शुल्क टैस्ट व उपचार के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कई अस्पतालों में तो अभी डेंगू वार्ड भी नहीं बनाए गए हैं। 
 

पंजाब में 3 डेन सक्रिय   
डेंगू का मच्छर चार प्रकार की विशिष्टता लिए हुए होता है। इन चार प्रकार को डेन-1, 2, 3 और 4 के नाम से पुकारा जाता है। 
आमतौर पर 1 या 2 प्रकार का मच्छर सक्रिय होता है परंतु इस बार 3 प्रकार का मच्छर राज्य में सक्रिय है। स्टेट प्रोग्राम अफसर डा. गगनदीप ग्रोवर के अनुसार इस बार डेन-1, 2 व 4 सक्रिय है।  

एंटी डेंगू मुहिम में खर्चे मात्र 5 लाख, खतरे को लेकर सरकार नहीं गंभीर 
सरकार ने डेंगू ’वर का कारण बने एडिज नामक म‘छर की रोकथाम पर जून माह में मात्र 5 लाख रुपए खर्च किए, जिनमें पटियाला व मोहाली में अधिकतम 45-45 हजार रुपए के फंड्स भेजे, बङ्क्षठडा, लुधियाना में 40 हजार, अमृतसर व जालंधर में 25-25 हजार, संगरूर में &0 हजार के अलावा अन्य जिलों को 20-20 हजार अथवा 15-15 हजार रुपए देकर एंटी डेंगू माह मनाने और म‘छरों के उन्मूलन के निर्देश दिए।
 माहिरों के अनुसार यह रकम ऊंट के मुंह में जीरे के समान थी। नैशनल हैल्थ मिशन से भेजे इन पैसों से सरकार की मंशा भी साफ दिखाई दे रही है कि वह बीते वर्षों में डेंगू के अनुभवों को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रही है।


फ्रिज की ट्रे और बोतल के ढक्कन में मिल चुका है लारवा
सेहत विभाग की टीमों को सर्वे के दौरान फ्रिज की ट्रे व बोतल के ढक्कन, जिसमें बारिश का पानी था, में म‘छर का लारवा मिल चुका है। इसलिए लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है। 

क्या हैं लक्षण  
सिरदर्द, तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, शरीर के सारे जोड़ दुखना, पेट दर्द, शरीर पर लाल दाने उभरकर आना। 

क्या है उपचार 
माहिरों के अनुसार डेंगू ’वर की आशंका होने पर शीघ्र किसी योग्य डाक्टर अथवा अस्पताल में उपचार करवाएं। बुखार में सिर्फ पैरासीटामोल, क्रोसीन की गोली लें और भूलकर भी डिस्प्रिन, एसप्रीन आदि की गोली न खाएं। उपचार से पहले डाक्टर की सलाह लें। डेंगू की जांच के लिए ब्लड टैस्ट करवाएं। सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा नि:शुल्क दी जा रही है। 

कैसे करें बचाव, शुक्रवार मनाएं ड्राई-डे 
 सिविल सर्जन डा. परविंद्रपाल सिंह सिद्धू के अनुसार सप्ताह में एक बार कूलर सुखाकर रखें। घरों के आसपास व छत पर बारिश का पानी एकत्रित न होने दें। घरों में म‘छर भगाने वाले मैट लगाकर रखें। म‘छर मारने वाली दवा का छिड़काव करें। पूरे बदन ढकने वाले कपड़े पहनकर रखें। जिला एपिडिमालॉजिस्ट डा. रमेश भगत के अनुसार हर शुक्रवार को ड्राई-डे मनाएं। इस दिन कूलरों से पानी निकाल दें और घरों के आसपास खड़े पानी को निकालें। इन दिनों गमलों में अधिक पानी न डालें। 

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