पंजाब में बहुचर्चित घोटाला मामला, 3 अधिकारियों पर गिरी गाज

punjabkesari.in Tuesday, Apr 22, 2025 - 02:34 PM (IST)

लुधियाना (खुराना) : ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग लुधियाना ब्लॉक 2 में करीब 20 महीने पहले हुए 121 करोड रुपए के बहुचर्चित कथित घोटाला मामले का सामना कर रहे 3 अधिकारियों पर विभागीय गाज गिर गई है। विभाग के प्रबंधकीय सचिव द्वारा मामले को लेकर जारी किए गए पत्र में ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग लुधियाना ब्लॉक 2 में तैनात रहे निवर्तमान बी.डी.पी.ओज. रुपिंदर जीत कौर, सिमरत कौर और बी.डी.पी.ओ. गुरप्रीत सिंह मांगट को पद से सस्पेंड कर दिया गया है।

यहां बताना अनिवार्य होगा कि ब्लॉक 2 के अंतर्गत पड़ते गांव सलेमपुर, सेलकीयाना बोकड़ गुज्जरा, सेखेवाल, कड़ियांना खुर्द एवं धनांशु ग्राम पंचायत को प्राप्त अवार्ड मनी में हुए कथित 120.87 करोड़ रुपए के घोटाला मामले को लेकर विभाग के आल्हा अधिकारियों द्वारा उक्त कार्रवाई की गई है। जबकि बहु करोड़ी घोटाला मामले को लेकर अन्य संदिग्ध बी.डी.पी.ओज, पंचायत सचिवों एवं संबंधित सरपंचों की भूमिका को लेकर पंचायत विभाग के आल्हा अधिकारियों द्वारा अभी कोई स्थिति साफ नहीं की गई है जो कि विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े करता है।

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यहां बताना अनिवार्य होगा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के पूर्व मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के निर्देशों पर विभाग की तत्कालीन डी. डी.पी.ओ. नवनीत कौर द्वारा की गई लंबी जांच पड़ताल के बाद 1 सितंबर 2023 को ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के ब्लॉक 2 में हुए 121 करोड रुपए के कथित घोटाले का पर्दाफाश किया गया था जांच अधिकारी नवनीत कौर द्वारा उक्त मामले में आधा दर्जन के करीब बी.डी.पी.ओज. सहित कई पंचायत सचिवों और सरपंचों के खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग कर 121 करोड़ों रुपए पर घोटाले जैसे गंभीर आरोप तय किए गए हैं ।

हैरानी जनक है कि मामले को लेकर करीब पौने 2 साल का लंबा समय गुजर जाने के बाद भी ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के प्रबंधकी सचिव द्वारा 121 करोड़ रुपए के बहु चर्चित घोटाला मामले को लेकर आधी अधूरी कार्रवाई की गई है काबिले गौर है कि मान सरकार द्वारा विभाग में हुए बहू करोड़ी घोटाला मामले में बाल की खाल निकलने के मकसद से मामले की जांच विजिलेंस विभाग को सौंपी गई है।

लेकिन लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी विजिलेंस विभाग के अधिकारी जांच का काम मुकम्मल नहीं कर सके हैं या फिर यूं कहे कि घोटाला मामले की फाइलों पर धूल जम चुकी है। यहां इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि सरकार और विजिलेंस विभाग द्वारा मामले की जमीनी परते उधेड़ने पर कई अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों के चेहरे पर पहने ईमानदारी के मखौटे बेनकाब होने तय हैं।  विभागीय सूत्रों के मुताबिक मौजूदा समय दौरान रुपिंदर जीत कौर बी.डी.पी.ओ. निहाल सिंह वाला, सिमरत कौर बी.डी.पी.ओ. भोगपुर एवं गुरप्रीत सिंह मांगट डेरा बस्सी में तैनात हैं।

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News Editor

Urmila

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