बारिश से तबाही, अब होगा हिसाब, जानें किसे, कौन-सा, कितना मिलेगा मुआवजा!
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 12:25 PM (IST)

जालंधर (चोपड़ा) : बरसात ने पंजाब भर में इस बार कहर बरपाया हुआ है। कहीं मकान ढहे, कहीं दुकानें क्षतिग्रस्त हुईं, तो कहीं लोगों के घरों के साथ उनकी रोजी-रोटी का साधन बने मवेशी भी काल का ग्रास बन गए। ऐसे में अब जिला प्रशासन ने केंद्र सरकार की नैशनल डिजास्टर रिस्पांस फंड (एन.डी.आर.एफ.) से आए फंड से मुआवजा बांटना शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि इस राहत पैकेज में सिर्फ टूटी-फूटी छतों और गिरे मकानों का ही मुआवजा नहीं है, बल्कि गाय-भैंस से लेकर बकरी और घोड़े-खच्चर तक का भी पूरा हिसाब रखा जाएगा।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कच्चे मकान की छत (कम से कम 15 प्रतिशत का हिस्सा) टूटने पर प्रभावित परिवार को 6,500 रुपए मिलेंगे। पक्के मकान या दुकान की छत क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजा 8,000 रुपए होगा। अगर किसी का पूरा मकान गिर गया, तो ऐसे में पीड़ित परिवार को 1,20,000 रु का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं दुधारू पशु जैसे भैंस और गाय की मौत पर 37,500 रुपए हरेक पशु दिया जाएगा। भेड़, बकरी और सूअर की मौत पर 4,000 रुपए प्रति पशु का मुआवजा तय है। जबकि गैर-दुधारू पशु जैसे ऊंट, घोड़ा, बैल आदि के लिए 32,000 रुपए प्रति पशु का प्रावधान है। वहीं बछड़ा, गधा, टट्टू या खच्चर की मौत होने पर प्रभावित परिवार को 20,000 रूपए प्रति पशु देने का प्रावधान है।
तहसील जालंधर-1 में 82 परिवारों को जारी हो चुका मुआवजा : जगसीर मित्तल
बारिश से प्रभावित परिवारों की गिनती हर तहसील में की जा रही है और जांच के बाद मुआवजा सीधे उनके खाते में भेजा जा रहा है। तहसीलदार जालंधर-1, जगसीर मित्तल ने बताया कि उनके क्षेत्र में अब तक 82 पीड़ित परिवारों को मुआवजा बांटा जा चुका है, जबकि करीब 50 मामलों की जांच चल रही है।
तहसील जालंधर-2 द्वारा 42 प्रभावित परिवारों का जारी हो चुका मुआवजा : प्रवीण कुमार सिंगला
तहसीलदार जालंधर-2, प्रवीण कुमार सिंगला ने बताया कि उनके अधिकार क्षेत्र में 42 प्रभावित परिवारों को मुआवजा जारी किया गया है, और करीब 35 मामले प्रक्रिया में हैं। प्रवीण सिंगला ने बताया कि मुआवजा बांटने की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो, इसके लिए प्रशासन ने सख्त व्यवस्था की है।
पीड़ित लोगों ने कहा- मुआवजा रकम ऊंट के मुंह में जीरा समान
मुआवजा बांटने की प्रक्रिया को लेकर लोगों में राहत और सवाल दोनों नजर आ रहे हैं। जिन परिवारों को राहत राशि मिल चुकी है, उन्होंने इसे "बारिश के बाद धूप" जैसा करार दिया। उनका कहना है कि अचानक तबाही के बाद यह रकम उनके लिए बहुत मददगार साबित हो रही है। वहीं जिनके मामले अब भी "अंडर प्रोसेस" हैं, वे प्रशासन से जल्द से जल्द जांच पूरी करने की मांग कर रहे हैं। अमित सोंधी, राजीव कुमार, आशुतोष सहित कई पीड़ित लोगों ने सवाल उठाया कि छत के टूटने पर केवल 6,500 रुपए और पूरे मकान के गिरने पर 1,20,000 की रकम अपर्याप्त है, जो कि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। लेकिन फिलहाल प्रशासन का कहना है कि यह राशि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार तय की गई है।
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