4 केंद्रीय मंत्री देकर भी अमृतसर को छोड़ विकास को तरसा माझा

punjabkesari.in Sunday, Mar 31, 2019 - 11:06 AM (IST)

गुरदासपुर (विनोद):आम चुनावों के बाद केंद्र में बनने वाली सरकारों में माझा हलके के अधीन आते लोकसभा हलका गुरदासपुर, अमृतसर तथा तरनतारन (अब खडूर साहिब) के सांसदों को बड़ी जिम्मेदारियां मिलती रही हैं। इन हलकों से चुने जाते रहे सांसद केंद्र सरकार में मंत्री बने, जिनमें अमृतसर के पूर्व सांसद रघुनंदन लाल भाटिया, गुरदासपुर के पूर्व सांसद सुखबंस कौर भिंडर और विनोद खन्ना और गुरदासपुर से राज्यसभा सदस्य अश्विनी कुमार के नाम शामिल हैं। इस सबके बावजूद माझा हलके में गुरदासपुर तथा खडूर साहिब का उतना विकास नहीं हो पाया जितना होना चाहिए था।

क्या स्थिति है गुरदासपुर लोकसभा हलके की
इस संसदीय हलके से अधिकतर समय कांग्रेस पार्टी के ही सांसद चुने जाते रहे हैं ।  वर्ष 1952 तथा 2014 को छोड़ कर अन्य सभी चुनावों में बाहरी व्यक्ति ही सांसद बने हैं। इस जिले में सुखबंस कौर भिंडर 5 बार सांसद बनीं जबकि 2 बार केन्द्र सरकार में मंत्री रहीं, अश्विनी कुमार राज्यसभा मैंबर होने के कारण केन्द्र में कानून मंत्री बने। इसी तरह विनोद खन्ना 4 बार सांसद बने और एक बार केन्द्र सरकार के राज्य मंत्री बने। इस सबके बावजूद गुरदासपुर लोकसभा हलके का कोई खास विकास नहीं हो पाया। 

क्या मिला गुरदासपुर को
इस हलके में प्रमुख उद्योग राइस शैलर, कंड्यूटपाइप तथा लोहे की मशीनरी के लिए मशहूर था। ये तीनों उद्योग पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं जबकि धारीवाल वूलन मिल जो देश भर में प्रसिद्ध थी, भी कई सालों से बंद पड़ी है। कई बार इसे फिर से चलाने की कोशिश भी हुई परंतु कोई लाभ नहीं मिला। जिला गुरदासपुर के 150 से अधिक राइस शैलर थे, जबकि इस समय मात्र 15 ही चल रहे हैं जो अंतिम सांसें गिन रहे हैं। कंड्यूटपाइप के 12 प्लांट चलते थे जो केन्द्र तथा राज्य सरकार की गलत नीतियों के चलते लगभग बंद हो चुके हैं। इसी तरह बटाला में उद्योग पूरी तरह से ठप्प है। इसके अतिरिक्त गुरदासपुर में होटल मैनेजमैंट कालेज, बेअंत इंजीनियरिंग कालेज सहित धारीवाल मिल को दोबारा चलाने के लिए लगभग 200 करोड़ मिले थे जो किसी काम नहीं आए। इस पैसे से खरीद की गई आधुनिक मशीनरी आज भी मिल परिसर में लकड़ी के बक्सों में बंद पड़ी है जबकि इसके अतिरिक्त लोकसभा हलका गुरदासपुर में कोई बात ऐसी नहीं है कि कोई भी राजनीतिक दल यह दावा कर सके कि उसने बेरोजगारी पर काबू पाने के लिए कुछ किया हो। विनोद खन्ना ने रावी तथा ब्यास दरियाओं पर पुल बनाने का सराहनीय काम करने के साथ-साथ हलके के सभी लड़कियों के सरकारी स्कूलों में शौचालय बनवाए थे जो काफी महत्व रखते हैं। कांग्रेस के शासनों में होटल मैनेजमैंट तथा इंजीनियरिंग कॉलेज बने।

क्या मिला अमृतसर  को
लोकसभा हलका अमृतसर में 6 बार गैर-कांग्रेसी सांसद चुने गए जिनमें 1967 में यज्ञदत्त शर्मा (जनसंघ), 1977 में डॉ. बलदेव प्रकाश (जनता पार्टी), 1989 में किरपाल सिंह (आजाद), 2004, 2007 तथा 2009 में नवजोत सिंह सिद्धू (भाजपा) शामिल हैं, जबकि बाकी सभी कांग्रेसी सांसद चुने गए। इस हलके से रघुनंदन लाल भाटिया केन्द्र में मंत्री रहे तथा वर्ष 2014 में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सांसद चुने गए थे। वर्ष 2017 में वह मुख्यमंत्री पंजाब बने तो उन्होंने इस सीट को छोड़ दिया तथा गुरजीत सिंह औजला सांसद चुने गए।  इस हलके में अमृतसर को इंटरनैशनल एयरपोर्ट, गोल्डन टैंपल गलियारा, कई फलाईओवर, भारत पाकिस्तान ट्रेड हब, गोल्डन टैंपल प्लाजा, गोबिंदगढ़ फोर्ट सहित पर्यटन की दृष्टि से बहुत तरक्की की। हरेक केन्द्र सरकार ने अमृतसर के विकास के लिए कुछ न कुछ अमृतसर को जरूर दिया। 

क्या मिला खडूर साहिब हलके को
इस लोकसभा हलके में 8 बार अकाली दल तथा 7 बार कांग्रेस के सांसद बने जबकि एक बार तरनतारन हलके के सांसद गुरदियाल सिंह ढिल्लों लोकसभा में स्पीकर भी चुने गए थे पंरतु यह हलका हमेशा की उपेक्षा का शिकार रहा। इस हलके में एक शूगर मिल को छोड़ कर अन्य कोई विकास का काम नहीं हुआ जिसके बारे में हलके के सांसद या लोग दावा कर सकें।

सियासी यादें


रघुनंदन लाल भाटिया
1972, 1980, 1985, 1992, 1996 और 1999
केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री -1992 से 1993


सुखबंस कौर भिंडर

1980, 1985, 1989, 1992 और 1996

केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं पर्यटन मंत्री—जुलाई 1992 से मई 1996 

विनोद खन्ना
1
998, 1999, 2004 और 2014 
केंद्रीय सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री, बाद में केंद्रीय विदेश मंत्री

अश्विनी कुमार 
केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री 28 अक्तूबर 2012 से 11 मई 2013 
इसके अतिरिक्त केंद्रीय राज्यमंत्री, मिनिस्ट्री ऑफ प्लानिंग, मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी भी बने।

swetha