...तो इस तरह सुमेध सैनी तक पहुंची विजीलैंस पर हाथ फिर भी रहे खाली

punjabkesari.in Wednesday, Aug 04, 2021 - 05:15 PM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत): पंजाब पुलिस के पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी की चंडीगढ़ के सैक्टर-20 स्थित कोठी नंबर 3048 पर विजीलैंस टीम द्वारा सोमवार देर शाम की गई छापामारी को लेकर जांच देर रात 3 बजे तक जारी रही। विजीलैंस की विभिन्न टीमों द्वारा कोठी का कोना-कोना जांचा-परखा गया। विजीलैंस टीम को इस कार्रवाई के दौरान सुमेध सिंह सैनी नहीं मिले।

मंगलवार को भी विजीलैंस टीम ने सैनी की कोठी में जांच की। उधर, सैनी के वकीलों ने विजीलैंस की इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए इसके खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है। उन्होंने आरोप लगाया कि छापेमारी के लिए विजीलैंस पर राजनीतिक दबाव है। पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ जो नई एफ.आई.आर. दर्ज की गई है वह विजीलैंस ब्यूरो के अतिरिक्त निदेशक वरिंद्र सिंह बराड़ द्वारा की गई एक जांच के आधार पर दर्ज की गई है। विजीलैंस के अधिकारी छापामारी के दौरान सैनी को गिरफ्तार करने गए थे लेकिन 6 घंटे से अधिक समय तक घर की घेराबंदी करने के बावजूद वे इसमें सफल नहीं हो सके। 

विजीलैंस द्वारा दर्ज नई एफ.आई.आर. में कहा गया कि लोक निर्माण विभाग (पी.डब्ल्यू.डी.) के एक्स.ई.एन. निमृत दीप सिंह निवासी सैक्टर-35 चंडीगढ़ के खिलाफ जांच के दौरान सुमेध सैनी से वित्तीय लेन-देन के रिकार्ड मिले। प्राथमिकी में नामजद अन्य लोगों में निमृत के पिता सुरिंद्रजीत सिंह जसपाल, मुकेरियां के नजदीक डुगरी राजपूतां निवासी अजय कौशल, मुकेरियां के नजदीकी भागड़ां निवासी प्रद्युम्न सिंह, भड़ौजियां निवासी परमजीत सिंह तथा सैक्टर-27 निवासी अमित सिंगला के नाम शामिल हैं। एफ.आई.आर. में आरोप है कि निमृत और उसके परिवार के सदस्यों के पास 35 संपत्तियां हैं। इसके अलावा विभिन्न बैंकों और विदेशी मुद्रा में 20 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। सैनी ने अक्तूबर 2018 में 2.5 लाख रुपए प्रतिमाह के किराए पर निमृत से कोठी की एक मंजिल ली। उन्होंने कोठी मालिक को 45 लाख रुपए का अग्रिम भुगतान किया। बाद में बैंक लेन-देन से पता चला कि सैनी ने कोठी मालिक को अलग-अलग तरीके से 6.40 करोड़ का और भी भुगतान किया था।

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Vatika