पंजाब पुलिस से ‘काली भेड़ों’ का होगा सफाया: DGP सुरेश अरोड़ा

punjabkesari.in Wednesday, Jul 25, 2018 - 12:39 PM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी कुमार): नशा तस्करी में पंजाब पुलिस की सांठगांठ को लेकर उठ रहे सवालों पर डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने दो टूक शब्दों में कहा कि पंजाब पुलिस में किसी भी ‘काली भेड़’ को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी सिस्टम में काली भेड़ों का होना स्वाभाविक बात है। पंजाब पुलिस भी सिस्टम का एक हिस्सा है लेकिन मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह की सरकार ने ड्रग को लेकर जीरो टॉलरैंस की नीति अपना रखी है।

पुलिस कर्मचारी तक बर्खास्त किए गए हैं। इसलिए वह इस बात को दावे के साथ कह रहे हैं कि पंजाब पुलिस से काली भेड़ों का पूरी तरह सफाया किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जीरो टॉलरैंस नीति का ही नतीजा है कि पंजाब पुलिस ने पिछले कुछ सालों में नशे की सप्लाई लाइन को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आज हैरोइन की सप्लाई टूटने से सिंथैटिक ड्रग के मामले सामने आ रहे हैं। यह सिंथैटिक ड्रग भी पंजाब की बजाय उत्तरप्रदेश, दिल्ली व बाहरी राज्यों से पंजाब में सप्लाई किया जा रहा है। हाल ही में पंजाब पुलिस ने सूचनाओं के आधार पर उत्तरप्रदेश पुलिस के साथ मिलकर सहारनपुर में छापेमारी की थी, जिसमें बड़ी मात्रा में बूप्रेनोरफिन, एविल इंजैक्शन सहित एल्प्राजोल्म की गोलियां, पैरवों स्पास कैप्सूल पकड़े गए हैं। 

अफसरों की आपसी खींचतान से पंजाब पुलिस की छवि हुई धूमिल
डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने कहा कि अधिकारियों की आपसी खींचतान से पंजाब पुलिस की छवि धूमिल हुई है। अरोड़ा के मुताबिक 36 साल के करियर में यह सबसे बुरा दौर आया है लेकिन इस बात की भी पूरी उम्मीद है कि बुरा दौर जल्द बीतेगा और सच्चाई की जीत होगी। उन्होंने कहा कि उन पर ड्रग मामले में पकड़े गए पूर्व इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह को प्रशंसा पत्र दिए जाने देने के कारण कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि यह प्रशंसा पत्र उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों की रिक्मैंडेशन पर दिया था। इंद्रजीत कपूरथला में एक बच्चे की मौत के मामले को सॉल्व करने वाली टीम का हिस्सा था  इसलिए तत्कालीन एस.एस.पी. ने इस केस को सॉल्व करने पर प्रशंसा पत्र देने की अनुशंसा की थी। यह फाइल डी.आई.जी. के पास आई और डी.आई.जी. से आई.जी.  होते हुए डी.जी.पी. कार्यालय पहुंची। उन्होंने इन्हीं सिफारिशों के आधार पर प्रशंसा पत्र देने की फाइल मंजूर की लेकिन इसके लिए केवल डी.जी.पी. को टारगेट करना किसी भी लिहाज से सही बात नहीं है।

बुप्रेनोरफिन-एविल के इंजैक्शन की ओवरडोज का मामला आया सामने, पुलिस कर रही धरपकड़
नशे की ओवरडोज से हो रही मौतों पर सुरेश अरोड़ा ने कहा कि पंजाब पुलिस लगातार इन मौतों के कारण तलाशने में जुटी है। पोस्टमार्टम न होने के कारण कई मामले अभी भी अनसुलझे हैं लेकिन अब तक पुलिस के पास जो कैमिकल रिपोर्ट्स सामने आई हैं, उनमें बुप्रेनोरफिन-एविल के कम्बिनेशन से तैयार इंजैक्शन की ओवरडोज से जुड़े तथ्य सामने आए हैं। इसी कड़ी में हैरोइन व मॉरफिन की ओवरडोज संबंधी रिपोर्ट भी मिली है। पुलिस लगातार इस तरह के कम्बिनेशन व इंजैक्शन्स की धरपकड़ कर रही है। साथ ही प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कोशिश है कि प्रदेशवासी खुद नशामुक्त पंजाब बनाने में पुलिस की मदद करें।

विदेशी नशा तस्करों का नैटवर्क तोड़ा
डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने कहा कि पिछले दो साल में पंजाब पुलिस ने प्रदेश में नशा सप्लाई करने वाले विदेशी तस्करों के नैटवर्क को भी तोड़ा है। 2017 में 50 विदेशी नशा तस्करों को पकड़ा गया। 2018 में अब तक करीब 24 विदेशी नशा तस्करों को दबोचा गया है। इन तस्करों की जांच-पड़ताल में पुलिस के हाथ नशा तस्करी के कई अहम सबूत लगे हैं, जिन पर कार्रवाई की जा रही है।

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