मोगा के बेअंत सिंह को टॉर्चर करने का मामलाः डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने पेश किया एफिडेविट

punjabkesari.in Tuesday, Sep 11, 2018 - 08:36 AM (IST)

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): बिना एफ.आई. आर. के पुलिस द्वारा घर में टै्रसपासिंग कर मोगा के बेअंत सिंह (25) को कथित रूप से 3 दिन पुलिस कस्टडी में रखने व टॉर्चर करने के आरोपों वाली याचिका में हाईकोर्ट के आदेशों पर डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने अपना एफिडेविट पेश किया है। इसमें कहा गया है कि पुलिस टीम क्षेत्र के सम्मानीय लोगों के साथ बेअंत सिंह के घर गई थी। ऐसे में ट्रैसपास नहीं बनता। इस तर्क का याची पक्ष के वकील प्रदीप विर्क ने विरोध करते हुए कहा कि बिना सर्च वारंट के किसी के भी घर कुछ लोगों के साथ दाखिल हो जाना कैसे ट्रैसपासिंग नहीं है।

 डी.जी.पी. अरोड़ा ने कहा कि बेअंत सिंह बराड़ खंूखार गैंगस्टर ग्रुप शेरा खुबा से जुड़ा हुआ है। वह अपने फेसबुक अकाऊंट पर बराड़ मोगे वाला (द गैंगस्टर) के नाम से नियमित रूप से फोटो अपलोड कर रहा है। एस.एच.ओ. सामलसार लवदीप सिंह के रोल बारे एस.पी. (इन्वैस्टीगेशन) मोगा द्वारा की गई जांच के आधार पर पाया गया कि न तो बेअंत सिंह को उसके समक्ष पेश किया गया और न ही उसने बेअंत को टॉर्चर किया और न ही धमकाया।  वहीं सी.आई.ए.-2 पटियाला बिक्रमजीत सिंह बराड़ के रोल पर डी.जी.पी. ने कहा कि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप भी मेल नहीं खाते। 

कथित टॉर्चर की कोई एम.एल.आर. नहीं है और न ही उन सम्मानीय लोगों को बेअंत ने कोई शिकायत की जिनके साथ पुलिस आई थी। याची के वकील ने कहा कि पुलिस लंबे समय से जांच की बात कह रही है जबकि नतीजा नहीं आया। जिस पर हाईकोर्ट ने 4 सप्ताह की समय सीमा तय करते हुए जवाब पेश करने को कहा है। केस की अगली सुनवाई 16 अक्तूबर को होगी।  इससे पहले समय पर जवाब न देने पर हाईकोर्ट ने डी.जी.पी. को 25 हजार रुपए कॉस्ट डाली थी।

ड्यूटी में बरती कोताही, विभागीय जांच खोली
ड्यूटी में कोताही बरतने पर सुखदेव और सुरजीत के खिलाफ विभागीय जांच खोल दी गई है। वहीं, बाघापुराना के तत्कालीन एस.एच.ओ. जंगजीत के खिलाफ भी जांच खोली गई है। बेअंत सिंह की पत्नी समनजीत कौर ने पंजाब सरकार, डी.जी.पी. अरोड़ा, एस.पी. मोगा व एस.एच.ओ. बाघापुराना को पार्टी बनाते हुए याचिका दायर की थी। याचिका के मुताबिक घर से 3 ब्रांड न्यू फोन और उनके डिब्बे एवं एक पुराना फोन पुलिस ने जब्त किया था। 

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