4 साल बीतने के बाद भी ताजा हैं दीनानगर आतंकी हमले के जख्म

punjabkesari.in Saturday, Jul 27, 2019 - 01:07 PM (IST)

गुरदासपुर: 27 जुलाई 2015 की सुबह दीनानगर के लोग अभी नींद से जागे भी नहीं थे कि अचानक पूरा इलाका गोलियों की आवाजों से गूंज उठा। पहले तो वह यह समझ ही नहीं सके कि हुआ क्या है। पर जैसे ही उनको आतंकी हमले का पता चला तो सभी घबरा कर अपने घरों में दुबक गए। आतंकियों ने थाने को घेरा डाला हुआ था। करीब 11 घंटे चली मुठभेड़ में सुरक्षा कर्मियों ने 3 आतंकियों को मार गिराया था। इस हमले में 7 लोगों की भी मौत हो गई थी, जिनमें पंजाब पुलिस के एस.पी. और गृह रक्षा वाहिनी के 3 जवानों सहित 3 स्थानीय नागरिक शामिल थे। आज दीनानगर आतंकी हमले को 4 साल हो गए हैं, परन्तु आभी भी जब इसका जिक्र उठता है तो घाव फिर से ताजा हो जाते हैं। 

अभी भी आतंकी हमले का दंश झेल रहे है कमलजीत मठारू
कमलजीत सिंह मठारू ही वह व्यक्ति हैं जो हमले के दिन अपनी कार में ढाबे के लिए सब्जियां खरीदने जा रहे थे। इसी दौरान सेना की वर्दी पहने आए आतंकियों ने कार छीनने के मकसद से उनकी कार पर फायरिंग करनी। कमलजीत को आतंकियों ने ऐसा छलनी किया कि वह जीवित तो है, पर किसी भी काम को अच्छी तरह नहीं कर सकते।  आतंकियों की फायरिंग में कमलजीत की एक बाजू धड़ से अलग हो गई थी। 

सरकार ने नहीं की कोई मदद
कमल आतंकी हमले को तो अपने आत्मबल से झेल गया, परन्तु सरकार ने उस के लिए कुछ नहीं किया। बस उसके इलाज में कुछ सहायता जरूर की। कमलजीत ने अपना दर्द बयान किया तो शहीद परिवार सुरक्षा परिषद के प्रधान कुंवर रवीन्द्र प्रताप विक्की ने सरकार खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने  कमलजीत की मदद के लिए  सरकार से गुहार लगाई है। 

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