स्पा सैंटर की आड़ में चल रहा था गंदा धंधा, अब छोटे शहरों में भी शुरु हुआ चलन

punjabkesari.in Friday, Dec 22, 2023 - 02:33 PM (IST)

मलोट: स्पा और मसाज सैंटरों की आड़ में देह व्यापार का धंधा बड़े शहरों से शुरू होकर छोटे शहरों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। सार्वजनिक स्थानों और रिहायशी इलाकों के पास खुले ये स्पा सैंटर युवा वर्ग पर बहुत बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। इसके चलते आम लोगों की मांग है कि सरकार को ऐसे कारोबार के संचालकों पर लगाम कसनी चाहिए। वहीं, पुलिस द्वारा ऐसे सैंटरों पर नजर रख कर उनकी गतिविधियों की बारीकी से जांच करने का दावा किया जा रहा है।

गौरतलब है कि पहले विदेशों में और फिर दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में चल रहे स्पा सैंटरों की आड़ में देह व्यापार के धंधे ने मलोट जैसे छोटे शहरों को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया है। देश में कहीं भी मसाज पार्लरों पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है, इनके संचालक खुलेपन का फायदा उठाकर इन्हें देह व्यापार के अड्डे के रूप में विकसित करते हैं। यहां पूर्वोत्तर राज्यों समेत दूर-दराज के इलाकों से लड़कियां लाई जाती हैं। देश में कई सौ करोड़ के इस कारोबार से छोटे शहरों में इसके संचालकों को कितना आर्थिक लाभ होता है, यह तो पता नहीं, लेकिन नई पीढ़ी पर यह कारोबार नैतिक रूप से घातक प्रभाव डालता है। हर शहर में इसका प्रसार लड़कियों की तस्करी करने वाले माफियाओं को जन्म देता है, जिनमें बड़ी संख्या नाबालिग लड़कियों की होती है।

संचालक के साथ बिल्डिंग मालिक को भी कार्रवाई में रखने की मांग

ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने सैलून और ब्यूटी पार्लर को परिवर्तन करके मसाज सैंटर बनाने के लिए इमारतें किराय पर दी हैं। इसीलिए इसे रोकने की मांग हो रही है। साथ में यह भी मांग ही इस धंधे में कार्रवाई दौरान दुकान या इमारत के मालिक को भी कार्रवाई में लिया जाए और सपा केंद्र को इमारत किराए पर देने वाले मालिक को पुलिस को इस के बारे में लिखित में देना चाहिए।

इस मामले में जालंधर और लुधियाना के पुलिस कमिश्नरों ने ऐसे धंधों को रोकने के लिए छापेमारी भी की है, वहीं स्पा सैंटरों की आड़ में चल रहे इन प्रतिष्ठानों पर लगाम लगाने के लिए कुछ नियम भी लागू किए गए हैं। इस संबंध में मलोट के मुख्य अधिकारी जसकरनदीप सिंह का कहना है कि बेशक स्पा सैंटरों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता, लेकिन इन पर लगाम लगाने के लिए नियम लागू करना जरूरी है। जिसके तहत प्रवेश और निकास द्वार पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाना जरूरी है। इन सी.सी.टी.वी. कैमरों में मुख्य रूप से एक महीने तक की रिकॉर्डिंग बैकअप रखना, ग्राहक की अनिवार्य फोटो और आई.डी. और काम करने वाले कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन शामिल हैं।

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Content Editor

Neetu Bala