शहरों की सड़कों से गायब हुई गन्दगी, सफ़ाई सेवकों की सुधरी 'ज़िंदगी'

punjabkesari.in Saturday, May 02, 2020 - 11:13 AM (IST)

अमृतसर: कोरोना वायरस जैसी मुसीबत ने हर किसी की ज़िंदगी में बदलाव  दिया है। साफ़ -सफ़ाई को ले कर लोग ज़्यादा संवेदनशील हो गए हैं। यहीं कारण है कि सैनेटाईज़र से ले कर मास्क तक की रोज़मर्रा की इस्तेमाल शुरू हो गया है। इस बदलाव का सीधा प्रभाव शहर की सेनिटेशन पर भी पड़ा है। नगर निगम के सेहत विभाग की तरफ से शहर को कूड़ा मुक्त और साफ़ -सुथरा करन के तौर तरीकों में भी बड़ी तबदीली आई है।

कोरोना महामारी से पहले की बात करें तो शहर में प्रतिदिन 600 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता था। शहर की सड़कों के किनारे कूड़ो के ढेरों की समस्या भी आम रहती है। शहर के 85 वार्डों में से 73 वार्डों से डोर टू डोर कूड़ा कुलैकशन निगम ने एक कंपनी को दे दिया है, जबकि वार्ड सीटी के 12 वार्डों से निगम ख़ुद कूड़ो की लिफ्टिंग करवाता है। कोरोना वायरस को ले कर बने हालातों के बाद घर से निकलने वाले कूड़ो में गिरावट आ गई है। आज कल रुटीन में निगम 420 मीट्रिक टन कूड़ो की कलेक्शन कर रहा है। 

सेनिटेशन व्यवस्था में आया बदलाव, सफ़ाई सेवकों को मिली पी.पी.किट
कोरोना वायरस में सेनिटेशन व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव आया है। पहले सफ़ाई कर्मचारी नंगे हाथों के साथ कूड़ा उठाते थे परन्तु अब इस में काफ़ी बदलाव आ गया है। अब सफ़ाई कर्मचारी मुँह पर मास्क और हाथों पर गलबज़ डाल कर ही कूड़ा उठाते हैं। इतना ही नहीं पहले सफ़ाई सेवकों का मैडीकल चैकअप तीन महीनो में एक बार होता था, अब यह रेगुलर चल रहा है।

शारीरिक दूरी में भी आया बदलाव
अब सफ़ाई -सेवकों के झुण्ड नहीं लगते, हाज़िरी के साथ ही एक -एक करके उन को अपने क्षेत्रों में रवाना कर दिया जाता है। इतना ही नहीं संक्रमित लोगों के घरों में से कूड़ा उठाने के लिए सफ़ाई सेवकों को पहली बार पी.पी.ई. किट तक प्रदान की गई है।


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Edited By

Tania pathak

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