रेलगाडिय़ों के निलंबन से इंडस्ट्री को 30,000 करोड़ का नुक्सान: अमरेन्द्र

punjabkesari.in Thursday, Nov 19, 2020 - 09:47 AM (IST)

जालन्धर(धवन) : पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने किसान यूनियनों द्वारा यात्री रेलगाडिय़ों की ब्लॉकेज को न हटाने के फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि इससे राज्य पिछले डेढ़ महीने से रुक-सा गया है जिससे लोगों का नुक्सान हो रहा है। किसान यूनियनों की बैठक में यात्री रेलगाडिय़ों की आवाजाही को न शुरू करने के लिए गए फैसले पर कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि पंजाब के हितों को देखते हुए किसान यूनियनें इसमें कुछ राहत देंगी।

रेल आवाजाही के निलंबन के कारण करोड़ों का नुक्सान
उन्होंने कहा कि रेलगाडिय़ों के निलंबन के कारण पंजाब की इंडस्ट्री को 30,000 करोड़ रुपए का नुक्सान हो चुका है। उन्होंने कहा कि लुधियाना तथा जालन्धर के उद्योगों को ही 22,000 करोड़ का नुक्सान उठाना पड़ा है। जबकि ढंडारी ड्राई पोर्ट पर 13500 कंटेनर रुके हुए हैं जिन्हें रेल आवाजाही के निलंबन के कारण देश के अन्य भागों में भेजा जाना संभव नहीं है। कृ षि क्षेत्र की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली तथा राजपुरा में 60,000 बोरियां रुकी हुई हैं जिस कारण राज्य की मंडियों से धान की फसल को उठाना संभव नहीं हो पा रहा है।इसी कारण पंजाब से बिहार तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश को 60 लाख मीट्रिक टन चावल भेजना संभव नहीं हो सका है जिस कारण केंद्र सरकार को तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश से चावल लेना पड़ रहा है।

पंजाब व लोगों के हितों को देखते हुए किसानों को लेना चाहिए फैसला
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को समर्थन दिया हुआ है इसलिए ऐसी स्थिति में किसान यूनियनों को पंजाब व लोगों के हितों को देखते हुए फैसला लेना चाहिए। कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि किसान यूनियनों द्वारा यात्री गाडिय़ों की ब्लॉकेज को लेकर यथास्थिति बनाए रखने के फैसले से मालगाडिय़ों की आवाजाही पर भी असर पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं ही स्पष्ट कर दिया था कि वह किसानों की खातिर तो सत्ता भी छोडऩे के लिए तैयार हैं। इस बात को समझने की बजाय किसान यूनियनों ने राज्य में रेलगाडिय़ों की आवाजाही को शुरू न करने के फैसले पर अडिग रहने का निर्णय लिया जबकि इसके पडऩे वाले वित्तीय व अन्य दुष्प्रभावों की तरफ ध्यान नहीं दिया गया।

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