महिला थाने में दहेज का सामान बन रहा कबाड़, रखवाली बनी पुलिस के लिए आफत

punjabkesari.in Tuesday, Jun 20, 2023 - 12:40 PM (IST)

जालंधर (कशिश): शादी में हर माता-पिता अपने अरमानों के साथ बेटी को उपहार के रूप में दहेज का सामान देते हैं ताकि गृहस्थ जीवन में बेटी के आगे काम आ सके लेकिन कई मामलों में पारिवारिक विवाद के चलते दहेज का सामान अब महिला पुलिस थाने में कबाड़ बनता जा रहा है। पति का घर छूटने के बाद दुल्हन व उसके परिवार का इस सामान से भी दिल भर गया है। यही वजह है कि कुछ लोग सामान को लेने नहीं आ रहे। थानों में अतिरिक्त जगह न होने के इस सामान की रखवाली पुलिस के लिए आफत बनी है। कानूनी प्रक्रिया के तहत मजबूरी में संभाल करनी पड़ती है। वर्ष 2022 के 130 केसों के मुकाबले इस साल 19 जून तक 72 केस महिला पुलिस थाना में दर्ज हो चुके हैं। इस प्रकार करीब 18 माह के अंतराल में 202 केस दहेज मांगने संबंधी दर्ज हुए हैं।

इस तरह की जाती है सामान की रिकवरी

जब कोई पीड़िता आरोप लगाती है कि उसका दहेज का सामान वापस नहीं दिया जा रहा तो वह सामान की एक लिस्ट भी लगाती है। इसी कारण पुलिस केस में अमानत में खयानत की धारा लगाती है। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में इसी सामान की रिकवरी के लिए आरोपी का रिमांड लिया जाता है जिसके बाद ससुराल परिवार से सामान की बरामदगी की जाती है। दोनों पक्षों के लिस्ट पर साइन कराए जाते हैं। जमानत पर बहस के दौरान रिकवरी के प्रतिशत को भी आधार बनाया जाता है।

सामान की देखभाल बनी पुलिस की मजबूरी

नियमानुसार तो दहेज के बरामद सामान की सुपुर्ददारी कोर्ट के आदेश पर ही होती है लेकिन यदि पीड़ित महिला तुरंत ले जाना चाहे तो पंचायती स्तर पर लिखित सहमति में यह सामान सौंप दिया जाता है। यदि कोई न आए तो बार-बार नोटिस भेजकर आग्रह किया जाता है। किसी के न आने पर सामान की देखभाल पुलिस की मजबूरी बन जाती है।

ये हैं सामान न लेकर जाने के कारण

जांच में सामने आया है कि केवल कुछ परिवार दहेज का सामान लेने नहीं आ रहे। कारण यह है कि शादी के बाद लंबे समय तक ससुराल में प्रयोग किए जाने के कारण सामान काफी पुराना और टूटा-फूटा हो जाता है। खुली जगह होने के कारण गांव के लोग तो सामान ले जाते हैं लेकिन शहरी इलाके में छोटे घर होने के कारण परेशानी है। सामान को रखने के लिए जगह न होने के कारण कुछ परिवार दहेज का सामान लेने नहीं आते।

बारिश व धूप में खराब हो जाता है सामान

पुलिसकर्मी भी दहेज के सामान को लेकर चिंतित रहते हैं लेकिन जब्त सामान को रखने के लिए उनके पास भी उतनी जगह नहीं मिल पाती है। तेज धूप व बारिश के दिनों में सामान थाना परिसर में बाहर धूल फांकता रहता है। इनमें बेशकीमती कूलर, पंखे, अलमारी, बक्से व मिरर समेत अन्य सामान जंग व कबाड़ में बदल रहा है।

सामान की संभाल में होती है परेशानी : एस.एच.ओ. सुरिंदर कौर 

महिला थाना की एस.एच.ओ. सुरिंदर कौर ने कहा कि दहेज के सामान की संभाल में परेशानी होती है। पीड़िता परिवारों को तुरंत भी सामान सौंप दिया जाता है लेकिन कई कोर्ट से सुपुर्ददारी करवाते हैं। सामान का पूरा रिकार्ड मैंटेन किया जाता है। संबंधित परिवारों को नोटिस दिए जाते हैं लेकिन केवल कुछ फीसदी परिवार सामान लेने नहीं आ रहे।

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News Editor

Kalash

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