आदर्श ग्राम योजना: डा. गांधी के हाथों में जाकर भी नहीं हुआ गांव मरोड़ी की बदहाली का इलाज

punjabkesari.in Friday, Mar 29, 2019 - 08:42 AM (IST)

पटियाला (मनदीप जोसन): केन्द्र सरकार की आदर्श ग्राम योजना भी मुख्यमंत्री पंजाब के जिले पटियाला के गांव मरोड़ी की किस्सत नहीं बदल सकी। 5 वर्ष बीतने के बावजूद सांसद डाक्टर धर्मवीर गांधी द्वारा अडॉप्ट किए गए इस गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं। गांव की ऐसी हालत ने केन्द्र सरकार और मैंबर पार्लियामैंट को कटघरे में ला खड़ा किया है।

हरियाणा की हद पर बसा है गांव मरोड़ी
यह गांव मरोड़ी हरियाणा की हद पर बसा एक बहुत ही पिछड़ा हुआ गांव है। डॉ. गांधी ने गांव के हालात देख कर ही इसको केन्द्र की आदर्श ग्राम योजना के तहत अडॉप्ट किया था कि इस गांव की किस्मत बदल जाएगी। 

ग्रांट देने से मुकरी केंद्र सरकार : डा. गांधी
पटियाला के सांसद डा. धर्मवीर गांधी ने कहा कि केन्द्र की सरकार ने घोषणा के बावजूद इन गांवों को ग्रांट नहीं दी। उन्होंने बताया कि असल में मोदी सरकार ही गरीब लोगों की विरोधी सरकार साबित हुई है तथा इन्होंने लोगों के साथ किया कोई भी वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि जब इस योजना के तहत कोई फंड नहीं आया तो उन्होंने अपने सांसद वाले फंड के कोटे में से गांव को पैसे भेजे, जिसमें से पंचायती घर, आंगनबाड़ी सैंटर बनाया गया और एक मंडी भी बनाई गई। उन्होंने बताया कि उनकी कोशिश रहेगी कि गांव को और भी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।

गांव समस्याएं
-गांव में कोई सरकारी या गैर-सरकारी बस की सुविधा नहीं 
-कोई सरकारी डिस्पैंसरी या अस्पताल नहीं है।
-सरकारी स्कूल की इमारत भी खस्ता हालत में है।
-गांव के तालाब की हालत भी खस्ता हुई पड़ी है।
-पंचायती घर की हालत भी खस्ता हुई पड़ी है।
-पानी की सुविधा है लेकिन पानी घरों तक नहीं पहुंच रहा।
-जल सप्लाई की पाइपें टूटी पड़ी हैं।
-मरोड़ी से अराई माजरा तक सड़क न होने के कारण परेशानी। 
-गांव की गलियां-नालियां बनाने के लिए 50 लाख की जरूरत।

वर्षों से गांव अनदेखी का शिकार : सरपंच
सरपंच गुरमीत सिंह ने कहा कि हमारा यह गांव वर्षों से अनदेखी का शिकार है। सरकार से कोई बड़ी ग्रांट नहीं मिली है। अब गांव के लोगों को प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए वह मौजूदा सरकार, हलके के विधायक से मिलकर गांव के विकास के लिए ग्रांट की मांग करेंगे। 

सुविधाएं ही न मिलें तो गांव को अडॉप्ट करने का क्या उद्देश्य
गांव मरोड़ी को जब सांसद ने अडॉप्ट किया तो यहां के लोगों को लगा कि उनका गांव भी शहर बन जाएगा लेकिन 5 वर्ष बीतने के बाद यदि इसके विकास की ओर नजर दौड़ाई जाए तो यह विकास से कोसों दूर लगता है। डा. गांधी लोगों में रहने और लोगों की समस्याओं को हल करवाने वाले नेता हैं। इसके बावजूद मरोड़ी गांव की समस्याओं को हल नहीं कर सके। इस बारे जब पंजाब केसरी की टीम ने गांव वासियों से उनकी समस्याओं के बारे पूछा तो उन्होंने विकास से साफ इंकार करते हुए कहा कि गांव का विकास तो दूर की बात है, सांसद इस गांव में एक डिस्पैंसरी भी नहीं ला पाए। लोगों ने कहा कि सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर गांवों को अडॉप्ट तो कर लिया लेकिन शायद वे इसका पालन-पोषण करना भूल गए हैं।

सांसद ने गांव को कुछ नहीं दिया: पूर्व सरपंच
शिरोमणि अकाली दल के  नेता और पूर्व अकाली सरपंच शेर सिंह ने दावा किया कि अकाली सरकार ने भी इस गांव को बड़ी ग्रांटें दी थीं जिसके साथ गांव की काफी गलियों और नालियों आदि को बनवाया गया है। उन्होंने कहा कि मैंबर पार्लियामैंट ने बहुत कुछ नहीं किया, जिसके कारण पूरा गांव उदास है।


 ये होने थे कार्य  
-घग्गर की मार से बचाना था गांव को।
-पूरे गांव में जगमग करती लाइटें लगानी थीं।
- सीवरेज और पानी का सिस्टम पूरी तरह कम्पलीट लोगों को पहुंचाना था।
- स्कूल 12वीं कक्षा तक करवाना था।
- नालियां तथा सड़कें सभी बनानी थीं।
- गांव को सरकारी बसें लगानी थीं।
- गांव के कुछ प्रतिशत लोगों को रोजगार भी देना था।
-इस सभी के साथ माडल गांव बनाने वाली सभी सुविधाएं देनी थीं।

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