ड्रैगन डोर का इस्तेमाल करने वाले सावधान, कहीं हादसे का शिकार आपका कोई अपना तो नहीं!
punjabkesari.in Sunday, Jan 05, 2025 - 10:30 AM (IST)
फिरोजपुर: प्रशासन की ओर से चाईना/सिंथैटिक/प्लास्टिक धागे से बनी डोर पर पाबंदी के बावजूद बसंत पंचमी के त्यौहार पर मुनाफा कमाने वालों ने इसे चोरी छिपे स्टोर करना शुरू कर दिया है। उधर सर्दी की छुट्टियां होने के कारण बच्चों में इन दिनों पतंगबाजी का काफी क्रेज देखने को मिल रहा है और इसी कारण सड़कों, गलियों में इस खतरनाक डोर ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। वहीं दुकानदारों के लिए नसीहत है कि ड्रैगन डोर के कारण होने वाले हादसे का शिकार कहीं आपका कोई अपना तो नहीं! दुकानदार इस ड्रैगन डोर की खरीदारी न करें।
लगातार हो रहे हैं हादसे
मोगा के बेदी नगर में हाई वोल्टेज तारों में डोर में करंट आने से बच्चे की बाजू झुलसने की दर्दनाक घटना एवं खन्ना में एक व्यक्ति की गर्दन पर डोर फिरने से टांके लगने की घटना के सोशल मीडिया में वॉयरल होने के घटनाएं लोगों को सबक सिखाती नजर आ रही हैं। इसके बावजूद पतंगबाजों का इस खतरनाक डोर के प्रति मोह कम नहीं हो रहा।
क्यों खतरनाक है डोर
प्लास्टिक मैटीरीयल से तैयार होने के कारण चाईनीज/सिंथैटिक डोर जहां बारीक डोर से अधिक मजबूत होती है वहीं इसके टूटने की संभावना कम होती है। इस डोर को कैमीकल से तैयार किया जाता है जो चमड़ी के लिए काफी हानिकारक हैं। यह डोर अगर विद्युत तारों से टच कर जाए तो इसमें करंट आने की संभावना होती है और डोर से करंट लगने के कई हादसे प्रदेश में पिछले सालों में घटित हो चुके हैं। सिर्फ मनुष्यों के लिए नहीं बल्कि पक्षियों और जानवरों के लिए भी यह डोर जानलेवा साबित होती आई है। सबसे अधिक परेशानी वाहन चालकों को उठानी पड़ती है।
बसंत पंचमी का त्यौहार 2 फरवरी 2025 को मनाया जा रहा है और इस त्यौहार के मद्देनजर जिला प्रशासन ने उक्त डोर की बिक्री/इस्तेमाल/स्टोर करने पर धारा 163 के तहत पाबंदी लगा रखी है। लेकिन यह पाबंदी हर साल की तरह सिर्फ कागजी ही साबित होती नजर आ रही है और पूरे विश्व में प्रसिद्ध फिरोजपुर के बसंत पंचमी पर मोटा मुनाफा कमाने वालों ने दीपावली के बाद से ही खतरनाक डोर का भंडारण शुरू कर दिया था जो अब धीरे धीरे बिक कर घरों में पहुंचने लगी है। प्रशासन की पाबंदी का असर इतना सा ही हुआ है कि अभी तक जिले के किसी पुलिस थाने में खतरनाक डोर की बिक्री/भंडारण का एक भी पर्चा दर्ज नहीं हुआ जबकि पतंगबाजी के लिए खुलेआम इस डोर का इस्तेमाल होना शुरू हो गया है।
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