घरों तक डिलीवर हो रही ''ड्रैगन डोर'', Social Media का लिया जा रहा सहारा

punjabkesari.in Thursday, Jan 07, 2021 - 12:41 PM (IST)

जालंधर(वरुण): पक्षियों और इंसान की जिंदगी के लिए खतरनाक ड्रैगन डोर की सुस्त सिस्टम के कारण घर-घर डिलिवरी की जा रही है। हैरानी की बात है कि साइबर सैल होने के बावजूद जालंधर कमिश्नरेट पुलिस की नाक तले फेसबुक और वाट्स पर स्टेट्स लगा कर ड्रैगन डोर के कारोबारी आर्डर ले रहे और खुद ही डिलिवरी भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं,  बेखौफ दुकानदारों ने अपनी दुकान में तो ड्रैगन डोर डंप नहीं की लेकिन अपनी-अपनी दुकानों के आसपास किराए के कमरे या फिर घर लेकर वहां पर सारा माल डंप किया हुआ है। जालंधर पुलिस की नाकामी है कि नए साल के पहले से ही जालंधर में जगह-जगह ड्रैगन डोर डंप भी हो चुकी है लेकिन अभी तक पुलिस ड्रैगन डोर की बड़ी रिकवरी नहीं कर पाई है।

ड्रैगन डोर (प्लास्टिक डोर) के कारोबारी सरेआम सोशल मीडिया पर ड्रैगन डोर के गट्टू की तस्वीरें लगा कर ग्राहकों तक डोर पहुंचा रहे हैं। इतना ही नहीं स्टेटस पर उन्होंने अपना नंबर भी डाला हुआ है जिसमें साफ लिखा है कि आर्डर करने के लिए सिर्फ वाट्स एप कॉल ही करें। अगर कोई नॉर्मल कॉल कर भी दे तो ड्रैगन डोर का आर्डर नहीं लिया जाता। इसके अलावा स्टेटस पर आधा किलो और एक किलो के गट्टू का रेट तक लिखा हुआ है।

इस समय मार्कीट में आधा किलो का गट्टू 250 से 300 रुपए तक बेचा जा रहा है। यही गट्टू दुकानदार होलसेल में 170 से 190 रुपए के खरीदता था। एक किलो के गट्टू की कीमत 500 से 600 रुपए की है। 600 रुपए वाला गट्टू और भी खतरनाक है जिससे पतंग उड़ाने वाले को भी खतरा है। अगर कोई ग्राहक रेट कम करने का दबाव भी डाले तो सप्लाई करने के लिए दुकानदारों द्वारा रखे गए युवक बिना गट्टू दिए वापस आ जाते हैं।

PunjabKesari, Dragon Dor delivered to homes through social media

सूत्रों की मानें तो जालंधर में ही करीब 150 दुकानदार गट्टू की सेल कर रहे हैं। गट्टू की सप्लाई देने आने वाला युवक मात्र कुछ सैकेंड के लिए ही रुकता है। गट्टू खरीदने वाले को पहले गलियों को चक्कर लगवाए जाते हैं ताकि सभी की नजर से बच कर वह गट्टू बेच सके। इन युवकों को एक तस्कर की तरह ट्रेनिंग दी गई है ताकि अगर कोई पुलिस का ट्रैप भी लगा हो तो वह पुलिस को भी चकमा दे सकें। वहीं पुलिस की कुछ काली भेड़ों के कारण ड्रैगन डोर मार्कीट में बिक रही है। हालांकि जालंधर में ड्रैगन डोर के कारण इतने हादसे भी हो चुके हैं परंतु एक्शन लेने के लिए कोई तैयार नहीं है।

इन जगहों पर बिक रही ड्रैगन डोर
जालंधर में इस समय खिंगरा गेट, सैदां गेट, रस्ता मोहल्ला, मकसूदां, किशनपुरा, काजी मंडी, शेखां बाजार, अटारी बजार नजदीक, आबादपुरा, माईं हीरां गेट व सोढल एरिया में सबसे ज्यादा ड्रैगन डोर बेची जा रही है। माईं हीरा गेट में एक मारूती कार में चाईनिज डोर का कारोबारी गट्टू बेच रहा है।

जालंधर पुलिस ने नहीं लिया संज्ञान
जालंधर पुलिस ने ड्रैगन डोर को लेकर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया है। जालंधर पुलिस की फेसबुक पेज पर गट्टू के इस्तेमाल के लिए न ही तो लोगों को कोई हिदायतें दी गई है और न ही बेचने वालों के लिए चेतावनी भरी पोस्ट की है। हालांकि गट्टू के कारोबारी सोशल मीडिया का पूरा इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन जालंधर पुलिस की अभी तक आंख नहीं खुली।

इतनी खतरनाक है ड्रैगन डोर
ड्रैगन डोर का इस्तेमाल करने वाले हमेशा मौत के साये तले ही होते हैं। यह इतनी खतरनाक होती है कि पतंग उड़ाते समय उड़ाने वालों के हाथों की उंगलियां कटने का डर रहता है। कोई भी डोर में फंस जाए उसका बुरी तरह से चोटिल होना तय है। हाईवोल्टेज तारों में फंसने पर भी करंट ड्रैगन डोर में आ जाती है, जिस कारण पहले भी करंट लगने से बच्चे मौत के मुंह झुलस चुके हैं। 

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2017 में ऐसा ही हादसा नार्थ हल्के में हुआ था जिसमें चौथी कक्षा के मासूम बच्चे ने ड्रैगन डोर वाली पतंग लूटने के लिए जैसे ही डोर पकड़ी तो डोर में करंट आ गया और वह छत से नीचे आ गिरा जिससे उसकी मौत हो गई। यही कारण है कि मासूम बच्चों से लेकर बेजूबां पक्षियों और राहगीरों को बचाने के लिए पंजाब केसरी ड्रैगन डोर के पूर्ण तरह से प्रतिबंद्घ के लिए मुहिम चला रही है।

गंभीर मामले
-11जनवरी 2020 को बशीरपुरा निवासी रवि शर्मा का चाइनीज डोर के कारण गला कट गया था।
-28 जनवरी 2020जनवरी को दोमोरिया पुल के पास सैलून जा रहे रोबिन का चाइनीज डोर के कारण गला कट गया था।
-31 जनवरी 2020 को बी.एस.एन. के पूर्व कर्मचारी प्रदीप कुमार निवासी कमल विहार भी चाइनीज डोर से घायल हो गए थे।

शिव सेना हिंद ने ट्रैप लगवा कर पकड़वाए गट्टू
शिव सेना हिंद के राष्ट्रीय प्रधान इशांत शर्मा ने खिंगरा गेट में रेड करवा कर ड्रैगन डोर पकड़वाई हैं। सूत्रों की माने तो वहां से हुक्के के लेवल भी बरामद हुए हैं। पकड़ा गया युवक हुक्का लेवल का बहुत बड़ा सप्लायर है। हालांकि उसे छुड़वाने के लिए काफी दबाव भी डाला जा रहा है। थाना 3 की पुलिस भी इस मामले को दबाने के प्रयास में लगी हुई थी। अगर पुलिस का यही रवैया रहा तो ड्रेगन डोर को पूर्ण तरीके से कैसे प्रतिबंद्ध लगाएगी।

उधर इशान्त शर्मा ने कहा कि किसी भी हालत में शहर में गट्टू का कारोबार नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने पंजाब केसरी की मुहिम को समर्थन देते कहा कि गट्टू बेचने वालों के खिलाफ मात्र 188 का नहीं बल्कि और भी धाराओं अधीन केस दर्ज होना चाहिए ताकि वह भविष्य में ड्रैगन डोर का कारोबार न करें। इस दौरान शिव सेना हिंद के जिला प्रधान सोहित शर्मा भी मौजूद थे।

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Sunita sarangal

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