ड्राइविंग टेस्ट सेंटर में बढ़ती जा रही आवेदकों की परेशानी, उठ रही ये मांग
punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 04:14 PM (IST)

जालंधर (चोपड़ा): रीजनल ट्रांसपोर्ट कार्यालय (आर.टी.ओ.) के अधीन संचालित ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर में आवेदकों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। पहले से ही स्टाफ की कमी, सर्वर की बार-बार खराबी और कैमरों में तकनीकी दिक्कतों से आवेदक जूझ रहे थे, वहीं अब अधिकारियों के रवैये ने समस्या को और गंभीर बना दिया है।
आज जिला प्रशासनिक काम्पलेक्स में डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता में होने वाली रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक के दौरान ए.आर.टी.ओ. विशाल गोयल अपने साथ टेस्ट सेंटर में तैनात कर्मचारियों को भी ले गए। इस कारण ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेकर पहुंचे आवेदकों का सारा कामकाज केवल एक महिला कर्मचारी के जिम्मे रह गया। परिणामस्वरूप डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन, फोटो क्लिकिंग और अन्य औपचारिकताओं में भारी देरी हुई। करीब चार घंटे तक स्टाफ मीटिंग में व्यस्त रहा, जिसके चलते सैंटर में आए आवेदकों को लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ा और अपनी बारी का इंतजार करते रहे।
लाइसेंस बनवाने आए हरीश कुमार, गौतम सरीन, जसविंदर सिहं व अन्यों ने इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विभाग को मीटिंग और दफ्तर के कामकाज को अलग-अलग ढंग से संभालना चाहिए। यदि अधिकारियों को मीटिंग में जाना ही है तो सेंटर का काम ठप नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले से ही सर्वर डाउन और कैमरे खराब होने की वजह से समय बर्बाद होता है, ऊपर से स्टाफ की गैरहाजिरी से आवेदकों को दोगुनी मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं।
जानकारी के मुताबिक, सेंटर में सामान्य दिनों में भी स्टाफ की कमी से आवेदकों को परेशानी झेलनी पड़ती है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को ड्राइविंग टेस्ट सेंटर में स्थायी स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए। साथ ही तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए सर्वर और कैमरा सिस्टम को अपग्रेड किया जाना चाहिए। यदि समय पर इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो लाइसेंस बनवाने आए आवेदकों का आक्रोश और बढ़ सकता है।
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