ड्रग्स के पैसे से आतंकियों को फंडिंग, नोटों की बोरियों से लेकर इंटरनैट तक का इस्तेमाल

punjabkesari.in Wednesday, Jan 02, 2019 - 04:14 PM (IST)

जालंधर(सोमनाथ): भारत के लिए आतंकवाद अब भी एक बड़ा खतरा बना हुआ है। पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. भारत के विभिन्न राज्यों में गड़बड़ी करवाने के लिए आतंकवादियों को न केवल प्रशिक्षण देती है बल्कि आधुनिक हथियार और भारी मात्रा में करंसी नोट भी उपलब्ध करवाती है। पी.ओ.के. में अब भी एक मजबूत आतंकी ढांचा है। जहां भारत के खिलाफ आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।

इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले दिनों अपने एक बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने कश्मीर में आतंकियों और अलगाववादियों को सीमा पार से हो रही फंडिंग पर भी चिंता जताई है। आतंकियों को फंडिंग कैसे होती है, समय के साथ इसके रूप बदलते रहे हैं। 90 के दशक में जब आतंकवाद जोरों पर था तो जांच एसैंसियों के मुताबिक अन्य साधनों के अलावा पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेने वाले आतंकी बोरियों में पैसे ले आते थे। इसके बाद सीमा पार से हथियार और पैसा आने का जरिया सीमा पर कृषि में उपयोग होने वाली बैलगाडिय़ां भी रही हैं जिनका अभी भी इस्तेमाल हैरोइन की तस्करी में होने की चर्चाएं होती रहती हैं। खुफिया एजैंसियों के मुताबिक सीमा पर चौकसी बढऩे के बाद आतंकियों को फंडिंग का जरिया दूसरे देशों से हवाला के जरिए पैसा आना भी है।

इसके अलावा सीमा पार से पैसे का ड्रग्स के रूप में लेन-देन भी आतंकियों को फंडिंग का एक बड़ा जरिया है। खुफिया एजैंसियों के मुताबिक आई.एस.आई. की ओर से पंजाब और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठनों के माध्यम से ड्रग्स की सप्लाई करवाई जाती है। जब यह ड्रग्स तस्करों के पास पहुंच जाती है तो तस्करों द्वारा इसकी पेमैंट कश्मीर में मौजूद आतंकी संगठनों और अलगाववादियों को हवाला आदि के माध्यम से की जाती है। फंडिंग का चौथा जरिया इंटरनैट ट्रांजैक्शन है। फंडिंग को लेकर कश्मीर में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है, जिनमें शाहिद उल इस्लाम, अल्ताफ अहमद शाह उर्फ फंटूश, मोहम्मद नईम खान, फारुख अहमद डार उर्फ बिट्टा कराट, मोहम्मद अकबर खांडे उर्फ अयाज अकबर, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद भट्ट उर्फ पीर सैफुल्ला, जहूर अहमद शाह वताली, कामरान यूसुफ, जावेद अहमद भट्ट, एजाज उल हसन, दीपक पदम, मजीद यूसुफ उमर मुश्ताक, डा. जसविंद्र सिंह, भगवान सिंह, प्रदीप कुमार, शाहनवाज मीरपुर, फनी विनोद श्रीधर शामिल हैं।

दिल्ली-एन.सी.आर. के 15 हवाला कारोबारियों पर कसा शिकंजा
बीते माह कुख्यात आतंकी हाफिज सईद के संगठन द्वारा भारत में सक्रिय आतंकियों को हवाला के जरिए फंडिंग का मामला सामने आ चुका है। इस सिलसिले में जांच एजैंसियों ने 7 जगहों पर छापेमारी की थी। दरअसल, पी.ओ.के. में सक्रिय आतंकियों को लेकर चल रही तफ्तीश के दौरान यह खुलासा हुआ कि इन्हें कुख्यात पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद के संगठन के जरिए आर्थिक मदद मिल रही है। इस नैटवर्क में दिल्ली-एन.सी.आर. और जम्मू-कश्मीर सहित देश के कई इलाकों में हवाला कारोबार से जुड़े लोगों के भी शामिल होने की बात सामने आई। एजैंसियों की राडार पर आने वालों में खासतौर से दिल्ली के दरियागंज, निजामुद्दीन और कूचा घासीराम के अलावा गुडग़ांव के हवाला कारोबारी हैं। इसके मद्देनजर जांच एजैंसियों ने दिल्ली में 7 ठिकानों पर रेड की।

हवाला कारोबारियों के फलाह-ए-इंसानियत संगठन से जुड़े होने के संकेत
 एजैंसियों की जांच में इन हवाला कारोबारियों के हाफिज सईद के एक संगठन फलाह-ए-इंसानियत से जुड़े होने के संकेत मिले हैं। इस संगठन का मुख्यालय लाहौर में है। एजैंसियों के मुताबिक यह संगठन जमात उद दावा और लश्कर-ए-तोयबा का ही एक हिस्सा है। 

आतंकी फंडिंग को लेकर छापेमारी

  • 16 अगस्त, 2018: एन.आई.ए. ने आतंकी फंडिंग को लेकर श्रीनगर में 12 ठिकानों पर छापे मारे।
  • 4 फरवरी, 2018: यू.पी. के मुजफ्फरनगर में हवाला कारोबारियों के घर छापेमारी। आतंकी महफूज की गिरफ्तारी से आतंकी फंडिंग का खुलासा।
  • 07 सितम्बर, 2017: एन.आई.ए. ने दिल्ली और श्रीनगर में कई हवाला कारोबारियों के ठिकानों पर की छापेमारी।

कौन देता है फंड

  • चैरिटेबल संगठन
  • राज्यों में आतंकवाद के स्पांसर
  • बिजनैसस एंड क्रिमिनल एक्टिविटी
  •  व्यक्तिगत सक्रिय आतंकवाद   
  • बिजनैसस कंट्रोल्ड वाई टैरोरिस्ट

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