हैरोइन तस्करी के बड़े खिलाड़ी चीते की गिरफ्तारी से हो सकता है बड़ी मछलियों का खुलासा

punjabkesari.in Monday, May 11, 2020 - 08:53 AM (IST)

अमृतसर(नीरज): देश की सुरक्षा एजेंसियों एन.आई.ए., स्पैशल पंजाब पुलिस टीम व हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार हैरोइन तस्करी का सबसे बड़ा खिलाड़ी रणजीत सिंह उर्फ राणा उर्फ चीता आई.सी.पी.अटारी बार्डर पर पाकिस्तान से आए नमक की खेप से 532 किलो हैरोइन व 52 किलो मिक्सड नॉर्कोटिक्स पकड़े जाने के मामले में कस्टम, पुलिस, एन.आई.ए. व देश की अन्य सभी सुरक्षा एजैंसियों के लिए चुनौती बना हुआ था।

कस्टम विभाग ने चीते के खिलाफ 29 जून 2019 के दिन एफ.आई.आर. दर्ज की थी। इसके अलावा पुलिस थाना घरिंडा (अटारी) में भी अलग से एफ.आई.आर दर्ज की गई थी, लेकिन रणजीत सिंह चीता पिछले 10 महीनों से किसी भी सुरक्षा एजैंसी के शिकंजे में नहीं आ रहा था। रणजीत सिंह चीते की गिरफ्तारी से हैरोइन तस्करी के खेल की बड़ी मछलियों का खुलासा हो सकता है, क्योंकि हैरोइन की अब तक की सबसे बड़ी खेप पकड़े जाने के मामले में यह माना जा रहा है कि यह अकेले चीते के वश की बात नहीं है। इसके पीछे कोई और ही ताकत काम कर रही है जिसका आने वाले दिनों में खुलासा हो सकता है।


एन.आई.ए. की ऑयरन लेडी की रंग लाई मेहनत
532 किलो हैरोइन मामले की जांच एन.आई.ए. की एस.पी. रैंक की आई.पी.एस. अधिकारी संजुक्ता पराशर कर रही थी। संजुक्ता असम में पुलिस में तैनाती के दौरान आतंकवादियों के साथ मुकाबले में खुद लीड करती थी और 16 आतंकवादियों को मार गिराया था इसके अलावा 272 से ज्यादा बोडो आतंकवादियों को भी हथियारों सहित सरेंडर करवाया था। उनको एन.आई.ए.की ऑयरन लेडी के नाम से भी जाना जाता है और इस केस में भी ऑयरन लेडी ने काफी मेहनत की और अंत में सफलता हाथ लग गई।


कस्टम व एन.आई.ए. ने जब्त की थी चीते की करोड़ों की प्रापर्टी
532 किलो हैरोइन के मामले में कस्टम विभाग व एन.आई.ए. ने चीते की पठानकोट, गांव हवेलियां स्थित मकान व जमीन, रामतीर्थ रोड सथित मकान, अर्बन एस्टेट व छहर्टा स्थित कोठियों को सील किया था। इसके अलावा चीते के अन्य साथियों हवेलियां गांव में रहने वाले हैरोइन तस्कर मुख्तार सिंह व उसके बेटे इकबाल सिंह की कोठी को सील किया था।

एन.आई.ए. ने अदालत में कानूनी लड़ाई लड़कर कस्टम से छीना था केस
532 किलो हैरोइन व 52 किलो मिक्सड नारकोटिक्स के मामले में देश की सबसे बडी एजेंसी एन.आई.ऐ. व कस्टम विभाग भी आमने सामने हो गए थे। कस्टम विभाग ने आई.सी.पी. अटारी में यह केस बनाया था जो कस्टम क्षेत्र था इस पर एन.डी.पी.एस. एक्ट लगाया गया था, जबकि एन.आई.ए. चाहती थी कि यह केस उनको सौंपा जाए यू.ए.पी.ए, एक्ट लगाया जाए क्योंकि यह मामलाराष्ट्रीय सुरक्षा का था। इसके लिए एन.आइ.ए, ने बकायदा अमृतसर की अदालत में केस दायर किया और अदालत के आदेशों के बाद कस्टम ने इस केस के सारे दस्तावेज एन.आई.ए. को सौप दिए।

नमक व्यापारी गुरपिन्दर सिंह की रहस्यमयी हालात में जेल में हुई थी मौत
हैरोइन तस्करी के इस सबसे हाईप्रोफाइल केस में पाकिस्तान से नमक का आयात करने वाले अमृतसर के व्यापारी गुरपिंद्र सिंह की अमृतसर की केन्द्रीय जेल में रहस्यमयी हालात में मौत हो गई थी, जिसकी एक महीने तक अमृतसर के ए.डी.सी. ने जांच भी की थी। बताया गया था कि सुबह के समय टुथब्रश करते समय गुरपिन्दर सिंह के मुंह से खून निकलना शुरू हो गया था और शूगर को मौत का कारण बताया गया था, लेकिन उसका परिवार इससे सहमत नहीं था।

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