जेल की ओलंपिक्स खेलों में कैदियों को इस कारण नहीं मिली असफलता

punjabkesari.in Friday, Dec 10, 2021 - 11:53 AM (IST)

लुधियाना (स्याल): पंजाब में खेलों का ग्राफ निरंतर गिर रहा है। मौजूदा कांग्रेस सरकार की नीतियों के चलते पंजाब के खिलाड़ी पिछड़ रहे हैं। हालांकि इंटर स्टेट कम्पीटीशन में बेशक पंजाब के खिलाड़ी ही अन्य खिलाडियों से जीतते हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर अगर प्रतिस्पर्धा होगी तो सफलता आसान नहीं रहने वाली। ऐसे संकेत हाल ही में संपन्न हुई पंजाब की जेलों से भी जुड़ गया है, जहां लुधियाना के जेलों के बंदियों को पंजाब प्रिजन ओलंपिक्स में एक भी मैडल नहीं मिल पाया। हालांकि पंजाब सरकार कथित रूप से इस बात को अनदेखा ही करेगी, क्योंकि मामला जेलों के खिलाडियों से जुड़ा है, लेकिन खिलाड़ी, खिलाड़ी होता है और खेल की भावना से खेलता है।

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बताया जाता है कि इन ओलंपिक्स जो पटियाला, कपूरथला, अमृतसर, फरीदकोट व अन्य दो जेलों के मैदानों पर हुईं, जिसमें कैदियों ने रस्साकशी, वालीबाल, कबड्डी, बैडमिंटन, खो-खो, चैस, हाई जंप व लोंग जम्प जैसे मुकाबलों में हिस्सा लिया था, लेकिन लुधियाना के कैदी खिलाड़ियों को किसी में भी सफलता हाथ न लगी, हालांकि जेल प्रशासन ने लुधियाना के कैदियों से बड़ी उम्मीद लगाई थी। लेकिन सूत्रों अनुसार कैदियों को किसी तरह की न तो ट्रेनिंग मिलती है और न ही इतने फंड आते हैं, जिनसे एक अच्छे खिलाड़ी को तैयार किया जा सके। इन सब पहलुओं के चलते पंजाब स्तर पर जेलों की खेल स्पर्धा में लुधियाना की जेलों को मायूसी मिली।

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कोच की कमी कब होगी पूरी
जेल सूत्रों अनुसार लुधियाना जेल में कोई नियमित कोच नहीं है, जो खेलों में जाने वाले इच्छुक कैदियों को कोई ट्रेनिंग दे सके। हालांकि जेल प्रशासन कहता है कि कैदियों के खेलों में ध्यान से अपराध प्रवृति दूर होगी, लेकिन अगर कोच की कमी से लुधियाना के कैदी हारे हैं, तो इससे उनकी मानसिकता पर क्या असर होगा, यह भी जेल का स्टाफ ही जानता है।

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News Editor

Urmila