फूलों की खेती ने इस इंजीनियर को बनाया करोड़पति, PM भी कर चुके हैं सम्मानित

punjabkesari.in Thursday, Dec 27, 2018 - 01:03 PM (IST)

जालंधर। पंजाब में कर्ज के बोझ तले दबे किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि  पारंपरिक गेहूं और धान की खेती करने से उन्हें सालाना होने वाला मुनाफा ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। जिससे वह बैंक की किश्तें तक भी नहीं चुका पा रहे हैं। पंजाब सरकार किसानों को कर्ज देने के बजाए यदि उन्हें फूलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करे तो उनकी आर्थिक हालत सुधर सकती है। किसान फूलों की खेती से करोड़ों रुपए कमा सकते हैं। यही नहीं वह इस खेती को अपना कर कर्ज मुक्त भी हो सकते हैं। punjabkesari.in आपको बताने जा रहा है पंजाब के पटियाला के एक शख्स के बारे में जिसने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर देसी व विदेशी फूलों की खेती और कारोबार शुरू किया और करोड़पति बन गया। 

पारंपरिक खेती से मुनाफा होता है कम...


हम यहां बात कर रहे हैं गुरप्रीत शेरगिल की जिन्होंने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर खेतीबाड़ी करने की ठान ली। 1996 में इंजीनियर की नौकरी छोड़ने के बाद उन्हें गेहूं और धान की खेती से लाभ होने की काफी उम्मीद थी। उन्होंने इस पारंपारिक खेती को अपनाया और 14 हैक्टयेर जमीन पर गेहूं और धान की फसल बीज दी। गुरप्रीत को पारंपरिक खेती में बहुत लाभ नहीं मिला। 

करोड़ों का है फूलों का कारोबार...


जब पारंपरिक खेती से उन्हें ज्यादा मुनाफा नजर नहीं आया, तो साल 2000 में उन्होंने फूलों की खेती शुरू की। उन्होंने सबसे पहले अपनी जमीन पर गुलाब की कलमें लगाईं। बाद में विदेशी फूल ग्‍लाइडियोलस और गेंदा की खेती की भी गुरप्रीत ने शुरूआत की। गुरप्रीत की माने तो वह अब साल‍ में 1 से 1.5 करोड़ रुपए का कारोबार कर लेते हैं। 2016 में उन्‍हें  रचनात्‍मक खेती के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्‍मानित कर चुके हैं। हर साल विदेशी भी इनके खेतों को देखने के लिए आते हैं।

फूलों की खेती पर है सब्सिडी बंद...


फूलों की खेती करने वाले किसानों को जो सब्सिडी सरकार देती थी अब वह बंद हो गई है। यदि सरकार आर्थिक मदद देना फिर शुरू करें तो दूसरे किसान भी फूलों की खेती से जुड़ जाएंगे तथा फूलों की काश्त करने से पंजाब के पानी की बचत के साथ साथ बिजली की बचत भी होगी। इस खेती पर मौसम का प्रभाव भी कम रहता है। बहरहाल गुरप्रीत की तरह अन्य किसान भी फूलों की खेती की और अग्रसर होने लगे हैं। पंजाब के किसान यदि पारंपरिक खेती के अलावा अपनी जमीन के कुछ हिस्से में फूलों की खेती करना शुरू करते हैं, तो उनके आर्थिक हालात सुधर सकते हैं। 
 

 

Suraj Thakur