Deport मामलों के बाद ED की इमिग्रेशन कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

punjabkesari.in Friday, Feb 28, 2025 - 02:08 PM (IST)

जालंधर : अमेरिका से पंजाबियों के डिपोर्ट होने के बाद इमिग्रेशन कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा रही है। फर्जी दस्तावेज और एंट्री फीस दिखाकर लोगों को अमेरिका भेजने वालों के खिलाफ प्रवर्तन विभाग (ED) ने जालंधर और चंडीगढ़ में बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय एजेंसी ने लगातार 2 दिनों तक छापेमारी की और 19 लाख रुपए नकदी और डिजिटल सबूत जब्त किए। चंडीगढ़ में 5 कारोबारियों के घरों और दफ्तरों की तलाशी ली गई। जिन इमिग्रेशन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है उनमें रेड लीफ इमिग्रेशन प्राइवेट लिमिटेड, एमएस ओवरसीज पार्टनर्स एजुकेशन कंसल्टेंसी और एमएस इन्फोविज सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ इमिग्रेशन धोखाधड़ी से संबंधित मनी लाड्रिंग मामले में कार्रवाई की गई है।  

ED ने यह कार्रवाई पंजाब और दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज FIR के आधार पर की है। पुलिस को दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास की विदेशी आपराधिक जांच इकाई के अधिकारियों से शिकायतें प्राप्त हुई थीं। जांच के दौरान पाया गया कि उपरोक्त इमिग्रेशन कंपनियों द्वारा अमेरिका भेजे गए लोगों के कार्य और अध्ययन वीजा में दस्तावेज और एंट्रियां फर्जी पाई गईं। वे अपनी धनराशि आवेदक के खाते में दिखाएंगे। बदले में उन्होंने मोटी रकम वसूली। इस धनराशि से आरोपी ने कई चल-अचल संपत्तियां बनाई गई। फिलहाल ED इस बात की जांच कर रही है कि ये पैसा कहां निवेश किया गया।

चंडीगढ़ जोनल ED टीम ने कल हरियाणा में 6 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। महेश कुमार और उनके सहयोगियों के घरों और कार्यालयों की तलाशी के दौरान 17.20 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की गई। ED द्वारा यह कार्रवाई क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई है। इस तलाशी में कई मोबाइल फोन बरामद किए गए। इनके जरिए क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट का इस्तेमाल कर विभिन्न ऐप्स के जरिए करोड़ों रुपए की गेमें चलाई गईं। बरामद मोबाइलों को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया है। यह खेल हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में खेला जा रहा है। हिसार निवासी महेश और भिवानी निवासी उसके 3 साथियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। 

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News Editor

Kamini

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