पंजाब के स्कूलों में सख्त हुआ शिक्षा विभाग, जारी हुए ये दिशा-निर्देश

punjabkesari.in Saturday, Feb 20, 2021 - 01:33 PM (IST)

लुधियाना(विक्की): कोविड-19 के कारण लॉक डाउन के चलते बंद पड़े स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न दिशा निर्देश और स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) गाइडलाइंस जारी की गई थी। लेकिन विभिन्न जिला शिक्षा अधिकारियों (सेकेंडरी शिक्षा / एलीमेंट्री शिक्षा) द्वारा विभाग की सप्ताहिक रिव्यू मीटिंग के दौरान ध्यान में लाया गया है कि पिछले कुछ समय के दौरान विभिन्न जिलों में स्कूल विजिट के दौरान पाया गया है कि कुछ विद्यार्थी और  अध्यापकों द्वारा एसओपी गाइडलाइंस की पालना नहीं की जा रहा है और इस संबंध में कोताही की जा रही है। जैसे कि विद्यार्थियों अध्यापकों द्वारा मास्क का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। कई विद्यार्थी और अध्यापकों द्वारा मास्क को केवल गले में ही  लटकाया जाता है।  इस संबंध में विभाग ने कड़ा संज्ञान लिया है और सभी स्कूलों को कोविड-19 से बचाव हेतु विविन दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।


क्या हैं दिशानिर्देश

  • कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा जारी एसओपी गाइडलाइंस की पालना स्कूल में सुनिश्चित की जाए।
  • हर एक स्कूल में गाइडलाइन्स की पालना सुनिश्चित बनाने के लिए एक अध्यापक को बतौर नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए और हर एक क्लास में एक विद्यार्थी को इस उद्देश्य के लिए मॉनिटर बनाया जाए।
  •  स्कूल प्रमुख और सभी अध्यापक खुद भी मास्क का प्रयोग सही ढंग से करें और विद्यार्थियों को मास्क का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करें।
  • यह दिशानिर्देश पंजाब के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों पर लागू होंगे।
  • सभी जिला शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी शिक्षा / एलीमेंट्री शिक्षा) एडेड और प्राइवेट स्कूलों का भी निरीक्षण करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि स्कूलों में विभाग द्वारा जारी एसओपी गाइडलाइंस की पालना की जा रही हो।


विभाग खुद ही कर रहा है  एसओपी गाइडलाइंस का उल्लंघन
एक तरफ शिक्षा विभाग द्वारा कड़े दिशा निर्देश जारी करते हुए स्कूल प्रमुखों और अध्यापकों को कोविड-19 के संबंध में जारी स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने के  लिए कहा जा रहा है और दूसरी तरफ विभाग द्वारा खुद ही इन गाइडलाइंस की अवहेलना की जा रही है। स्कूलों में सैनिटाइजेशन का कोई प्रबंध नहीं है। बच्चों के पास हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं है और ना ही विभाग द्वारा इस संबंध में कोई ग्रांट जारी की गई है। विभिन्न स्कूलों में बच्चों के सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए बैठने के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नहीं है। कई स्कूलों में तो क्लासरूम की भी कमी है। ऐसे में बच्चे कैसे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे यह तो खुद विभाग के अधिकारी ही बता सकते हैं। जहां एक तरफ विभाग द्वारा ऑनलाइन शिक्षा को जारी रखने की बात कही जा रही है वहीं दूसरी तरफ अध्यापकों पर विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत अटेंडेंस को सुनिश्चित करने के लिए लगातार दबाव भी बनाया जा रहा है।
 

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Vatika