आर्थिक मंदी का असर: पहले ही दिन पटाखा मार्कीट में रौनक गायब

punjabkesari.in Friday, Nov 13, 2020 - 02:38 PM (IST)

अमृतसर(नीरज): कोरोना महामारी के कारण पिछले सात महीनों से छाई आर्थिक मंदी का साफ असर देखने को मिल रहा है। लाख मिन्नतें करने व पुलिस प्रशासन की दकियाननूसी का सामना करने के बाद न्यू अमृतसर में दस खोखों वाली पटाखा मार्कीट तो खुल गई, लेकिन यहां पर ग्राहकों की रौनक गायब नजर आई। एक दिन पटाखा मार्कीट खुलने के बावजूद यहां पर तीन से पांच प्रतिशत पटाखों की भी सेल नहीं हुई और पटाखा व्यापारी कभी अपनी किस्मत तो कभी कोरोना को कोसते नजर आए।

व्यापारियों को इस बात का भय सता रहा है कि उनके स्टॉक किए हुए लाखों रुपयों के पटाखे बिकेंगे भी या नहीं बिकेंगे। प्रशासन को एक लाख रुपया सरकारी फीस भरने व कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की वंगारे सहने के बाद भी व्यापारियों को किसी प्रकार का आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। पटाखा व्यापारी आंखें बिछाकर ग्राहकों की राह तक रहे हैं, लेकिन ग्राहक मार्कीट में नजर नहीं आ रहा है।  द अमृतसर फायर वर्कर्स एसोसिएशन के प्रधान व पटाखा व्यापारी हरीश धवन ने बताया कि जिन्दगी में पहली बार इस प्रकार के हालात देखे हैं, पहले तो प्रशासन ने उनके साथ धक्का किया है और अब कोरोना उनके साथ धक्का कर रहा है। जालंधर व लुधियाना जैसे जिलों में पटाखों की मार्कीट एक सप्ताह से खुली है, लेकिन अमृतसर में सिर्फ दो दिन के लिए दुकानें खोलने की आज्ञा दी गई है, जबकि जालंधर व लुधियाना अमृतसर से ज्यादा प्रदूषित हैं। अब तो भगवान से ही प्रार्थना की जा सकती है कि व्यापारियों के पटाखे बिक जाएं और किसी का नुक्सान न हो।

मार्कीट में एक्सपलोसिव विभाग के नियमों का किया जा रहा पालन
इस बार पटाखा मार्कीट में एक्सपलोसिव विभाग व जिला प्रशासन की तरफ से जारी नियमों का सख्ती के साथ पालन किया जा रहा है। दुकानों पर ग्रीन पटाखे तो बेचे ही जा रहे हैं वहीं एक खोखे से दूसरे खोखे के बीच तीन मीटर का डिस्टैंस, अग्निशामक यंत्र, रेत की बोरियां, पानी के ड्रम व फायर ब्रिगेड की गाड़ी का प्रशासन की तरफ से बंदोबस्त किया गया है। 

सेहत विभाग की सख्ती के बावजूद मार्कीट में बिक रही मिलावटी मिठाइयां
नवनियुक्त जिला सेहत अफसर की तैनाती के बाद मिलावटी सामान बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद सुल्तानविंड रोड, तरनतारन रोड व कुछ पॉश इलाकों में मिलावटी मिठाइयां बेची जा रही हैं। इतना ही नहीं सरकार के निर्देश हैं कि मिठाइयों पर एक्सपायरी डेट जरूर लिखी जाए, लेकिन ’यादातर दुकानों पर एक्सपायरी डेट नहीं लिखी जा रही है।

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